संवाददाता ओमप्रकाश उसेण्डी
नारायणपुर – जिले के अतिथि शिक्षकों ने आज सेवा बहाली हेतु एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। अतिथि शिक्षकों की मांग है, कि उनकी सेवा बहाली जल्द से जल्द की जाए। अतिथि शिक्षकों का कहना है, उनके द्वारा लगातार कई बार, साल भर से अधिक हो गया जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जा रहा है और क्षेत्र के विधायक चंदन कश्यप से भी मिलकर अतिथि शिक्षकों ने अपनी परेशानी से उन्हें अवगत कराया है। लेकिन आज तक उनकी समस्याओं को लेकर जिले के अधिकारी व जनप्रतिनिधि बेसुध नजर आते हैं। वही भाजपा के कार्यकर्ता समर्थन के लिए पहुंचे और भूपेश सरकार को निशाना साधते हुए कहां सत्ता पाने के लालच में गंगाजल हाथ में लेकर भूपेश सरकार झूठे वादे किए बेरोजगारों को बेरोजगार गिलानी व बेरोजगारी भत्ता दिलाने क्या झूठे सपने दिखा कर लोगों को भ्रमित कर दिया आज ऐसी स्थिति हो गई है की अतिथि शिक्षकों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। जिले के सैकड़ों अतिथि शिक्षकों के लड़ाई में हमेसा साथ खड़े होने की बात कही। व
साल भर से अधिक, नारायणपुर जिले के अतिथि शिक्षकों को बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही है डीएमएफ का पैसा नहीं होने की बात करते जिला प्रशासन द्वारा साल भर से निकाल दिया गया है आज बेरोजगार युवा आर्थिक तंगी से इस कदर जूझ रहें है, जिसकी कल्पना नहीं, जिला प्रशासन को ना ही प्रदेश में बैठी सरकार को आज युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए अतिथि शिक्षकों को उनका हक वापस दिलाने के लिए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में उग्र आंदोलन करते हुए उन्हें उनका हक दिलाने की बात कही
अतिथि शिक्षकों के अनुसार उन्होंने आज तक शासन और प्रशासन को 10 बार ज्ञापन सौंपा गया है –
(1) 2 जुलाई 2020 को कलेक्टर नारायणपुर
(2) 3 सितंबर 2020 को कलेक्टर नारायणपुर
(3) 5 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन
(4) 9 नवंबर 2020 को कलेक्टर नारायणपुर
(5) 25 नवंबर 2020 को कलेक्टर नारायणपुर
(6) 27 नवंबर 2020 को विधायक नारायणपुर
(7) 14 दिसंबर 2020 को कांग्रेस महामंत्री
(8) 21 जुलाई 2021 को कलेक्टर नारायणपुर
(9) 13 अगस्त 2021 को कलेक्टर नारायणपुर
(10) 07 सितंबर 2021 को नायब तहसीलदार को जिला कलेक्टर नारायणपुर के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
लेकिन अभी तक कलेक्टर नारायणपुर के द्वारा अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया और ना ही जनप्रतिनिधियों के द्वारा अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली को लेकर किसी भी प्रकार का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है। अतिथि शिक्षकों का कहना है,कि उनकी नौकरी चले जाने से उनके घर की माली हालत खराब होती जा रही है। कई अतिथि शिक्षक ऐसे भी हैं ,जो घर में अकेले काम आने वाले हैं। ऐसे में इस भीषण कोरोना महामारी के बाद इन शिक्षकों के सामने जीवन यापन के लिए बड़ी कठिन परिस्थिति बनी हुई है।
जानें क्या है पूरा मामला?
जिले में कुल 359 अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई थी और फिर कोरोना काल से ही अतिथि शिक्षकों का वेतन नहीं दिया जा रहा था। जिसके बाद अतिथि शिक्षकों ने 25 दिन लंबी हड़ताल की, तब वर्तमान कलेक्टर अभिजीत सिंह थे। जिले के अतिथि शिक्षकों से बात कर उन्हें अप्रैल 2020 तक का वेतन दिलवाया था और यह भी आश्वासन दिया था, कि स्कूल खोलने पर इन्हीं अतिथि शिक्षकों को पुनः स्कूल में पदस्थापना दी जाएगी। विद्यालय खुलने के बाद जब अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली नहीं की गई तब अतिथि शिक्षकों का एक दल कलेक्टर महोदय से मिलने पहुंचे। जिसमें कलेक्टर महोदय ने अतिथि शिक्षकों से कहा कि जिले में डीएमएफ पॉइंट से अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना की गई थी। लेकिन अभी जिले में डीएमए फंड नहीं है और जिले में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त है, इसलिए अभी अतिथि शिक्षकों की पुनः सेवा बहाली नहीं की जा सकती।
अतिथि शिक्षकों का कहना है, कि आज जिले के अतिथि शिक्षकों के द्वारा किए गए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के बाद भी अगर अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली नहीं की जाती तो, वे लोग उग्र आंदोलन करेंगे।
Author: CG FIRST NEWS
CG FIRST NEWS