असम राइफल्स के शहीद जवान को गुवाहाटी में दी गई श्रद्धांजलि, गांव भेजा जाएगा पार्थिव शरीर

मणिपुर में शनिवार को उग्रवादी हमले में शहीद हुए 46 असम राइफल्स के राइफलमैन सुमन स्वर्गियारी को गुवाहाटी में श्रद्धांजलि दी गई. जवान का शव सोमवार सुबह जोरहाट से गुवाहाटी लाया गया था. इसके बाद जवान के पार्थिव शरीर को बक्सा जिले में उनके गांव ले जाया जाएगा और वहां उनका अंतिम संस्कार होगा. गुवाहाटी में असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंता ने असम राइफल्स के जवानों और जिला अधिकारियों के साथ सुमन स्वर्गियारी को श्रद्धांजलि दी.

मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में आईईडी विस्फोटकों और गोलियों से हुए हमले में असम राइफल्स के एक कमांडिंग अफसर, उनकी पत्नी और बेटे और बल के चार अन्य कर्मियों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी. इन सभी जवानों के पार्थिव शरीर को उनके गृह जिले में भेजा गया है. हमले में मारे गए हमले में मारे गए कर्नल विप्लव त्रिपाठी के अलावा असम राइफल्स के चार जवानों में आरएफएन श्यामल दास, आरएफएन सुमन स्वर्गियारी, आरएफएन आरपी मीणा और आरएफएन खतनेई कोन्याक शामिल थे.

कर्नल त्रिपाठी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जबकि आरएफएन दास पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रहने वाले थे. आरएफएन स्वर्गियारी असम के बक्सा जिले के निवासी थे. आरएफएन कोन्याक नागालैंड के मोन जिले के जबकि आरएफएन मीणा राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले थे. आरएफएन कोन्याक के पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर से उनके पैतृक स्थान नागालैंड भेजा जाएगा.

उग्रवादी संगठन PLA और MNPF ने ली हमले की जिम्मेदारी

उग्रवादियों ने शनिवार सुबह करीब 10 बजे भारत-म्यांमार सीमावर्ती गांव सेहकेन में असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया था. इस हमले की जिम्मेदारी दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (MNPF) ने ली थी. पीएलए और एमएनपीएफ ने उन लोगों को बधाई संदेश भेजा जो इस हमले में शामिल थे, लेकिन कर्नल की पत्नी और बच्चे की मौत को लेकर दुख जताया.

यह घटना चार जून 2018 के बाद से सुरक्षा बलों पर पहला बड़ा हमला है, जब चंदेल जिले में सेना के एक काफिले पर इसी तरह का हमला किया गया था जिसमें 18 कर्मियों की मौत हो गई थी और अन्य घायल हुए थे. सेना की 6 डोगरा रेजीमेंट की रोड ओपनिंग पेट्रोल (आरओपी) के कर्मी शहीद हो गए थे. असम राइफल्स देश का सबसे पुराना अर्द्धसैन्य बल है, जिसकी स्थापना 1835 में ब्रिटिश राज में हुई थी. यह प्रशासनिक रूप से गृह मंत्रालय के अधीन है, लेकिन ‘ऑपरेशनल’ नियंत्रण भारतीय सेना करती है.

ये भी पढ़ें-

CG FIRST NEWS
Author: CG FIRST NEWS

CG FIRST NEWS

Leave a Comment

READ MORE

विज्ञापन
Voting Poll
10
Default choosing

Did you like our plugin?

READ MORE

error: Content is protected !!