9/11 आतंकवादी हमला.
भारत ने आतंकवाद (Terrorism) के हर रूप की निंदा किए जाने की बात पर जोर देते हुए कहा कि 9/11 आतंकवादी हमलों (9/11 Terror Attack), हमले के पीड़ितों और उस ‘‘घातक’’ हमले से सीखे सबक को हमें भूलना नहीं चाहिए. विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) रीनत संधू ने संयुक्त राष्ट्र और 9/11 स्मारक और संग्रहालय की ओर से आतंकवाद विरोधी संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में 9/11 आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को सोमवार को श्रद्धांजलि दी.
इस कार्यक्रम में 300 से अधिक लोगों ने शिरकत की, जिनमें संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के उद्घाटन के लिए न्यूयॉर्क में एकत्रित 120 से अधिक सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले राष्ट्राध्यक्षों, मंत्रियों तथा प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट किया, ‘हमें उन घातक हमलों, उसमें मारे गए लोगों और उससे सीखे सबक को नहीं भूलना चाहिए। आतंकवाद का हर रूप निंदनीय है.’
पीएम मोदी ने 2014 में 9/11 स्मारक स्थल का किया था दौरा
संधू ने 9/11 के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. ये स्मारक उन उत्तर और दक्षिण टावरों के स्थान पर बनाए गए हैं जो अल-कायदा के आतंकवादियों द्वारा किए हमले में ढह गए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सितंबर 2014 में अमेरिका यात्रा के दौरान 9/11 स्मारक स्थल का दौरा किया था और 2001 आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी थी.
आतंकवादियों ने ‘अमेरिकन एयरलाइंस’ और ‘यूनाइटेड एयरलाइंस’ के विमानों का अपहरण कर उन्हें इन इमारतों से टकरा दिया था, जिससे ये ढह गईं थीं. 2001 और 1993 के आतंकवादी हमलों में मारे गए 2,983 लोगों के नाम स्मारक के किनारे कांस्य पैरापेट पर अंकित हैं. 9/11 आतंकवादी हमले में भारत सहित 90 से अधिक देशों के लोग मारे गए थे.
11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुआ यह आतंकी हमला एक ऐसा हमला था, जिसने न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया को आतंकवाद के उस चेहरे से मिलवाया था जिससे उस समय भारत जूझ रहा था. 50 साल बाद भी अमेरिका इस दर्द को शायद ही भूला पाएगा. इन हमलों में न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को प्रमुख तौर पर निशाना बनाया गया था.
3 हजार से ज्यादा लोगों की हुई थी मौत
एक के बाद एक विमानों ने ट्विन टावर पर हमला किया और कुछ ही घंटों में दोनों टावर्स ढह गए. न्यूयॉर्क के मैनहट्टन स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर सात बिल्डिंग्स का एक कॉम्प्लेक्स था जिसमें से ज्यादातर ऑफिस और कमर्शियल प्रयोग के लिए थीं. वर्ष 1970 की शुरुआत में इन बिल्डिंग्स का काम पूरा हुआ और वर्ष 1973 में इसे खोला गया. 1,300 फीट की ऊंचाई वाली ये इमारतें अमेरिका की शान बन गई थीं. इन्हें दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग माना जाता था.
दो घंटे से भी कम वक्त में 19 आतंकियों ने चार कमर्शियल विमानों को हाइजैक कर उनका मिसाइल की तरह इस्तेमाल किया (United Flight 93 Crash). इस हमले में कम से कम 3,000 लोग मारे गए. इन विमानों का इस्तेमाल न्यूयार्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और पेनसिल्वेनिया में हमलों के लिए किया गया. दो विमानों के हमले से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दो टॉवर- साउथ और नार्थ ढह गए. तीसरा विमान वाशिंगटन डीसी में पेंटागन सैन्य मुख्यालय के पश्चिम की ओर क्रैश हुआ और चौथा विमान यानी फ्लाइट 93 पेनसिल्वेनिया में क्रैश हुआ.
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Author: CG FIRST NEWS
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