आदिवासियों की प्रदेश स्तर पर 13 सूत्रीय मांगों को लेकर अन्तागढ़ मे आर्थिक नाकेबंदी l

कांकेर/ कोयलीबेडा :-सर्व आदिवासी समाज ने सोमवार को पूरे प्रदेश स्तर पर अपने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर आर्थिक नाकेबंदी किया। अन्तागढ़ में भी जारी रहा। जिसमें मालवाहक वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध किया गया।जिससे आदिवासी क्षेत्रों की खनिज सम्पदा पर रोक लगे।
आदिवासी समाज की मुख्य मांगे ।
(1) वन अधिकार कानून 2006 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराना और पेशा कानून के क्रियान्वयन नियम तत्काल बनाकर अनुपालन सुनिश्चित कराया जाना अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को विखंडित कर दोबारा से ग्राम पंचायत में परिवर्तित किया जाना।
(2) आदिवासी समाज की लड़कियों से अन्य गैर आदिवासी व्यक्ति से शादी होने पर उक्त महिला को जनजाति समुदाय के नाम से जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर जनप्रतिनिधित्व शासकीय सेवा तथा जनजाति समुदाय की जमीन खरीदी पर रोक लगाने के लिए संबंधित नियमों में आवश्यक संशोधन
(3) छात्रवृत्ति योजना में आदिवासी विद्यार्थियों के लिए आय की 2.50 की पात्रता सीमा समाप्त की जाए।
(4) अनुसूचित में उल्लेखित जनजातियों का जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी पर दंडात्मक कार्यवाही।
(5) छत्तीसगढ़ राज्य के 18 जनजातियों की मात्रात्मक त्रुटि में सुधार कर उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना।
(6) ग्राम सभा द्वारा स्थानीय आदिवासी समिति के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को खनिज पटा दिया जाना और फर्जी जाति मामले में दोषियों पर कार्रवाई।

अन्तागढ़ मे आर्थिक नाकेबंदी l


(7) गांव की सामुदायिक खनिज का उत्खनन एवं निकासी का पूरा अधिकार ग्राम सभा को दिया जाना।
(8) संभाग एवं जिला स्तर पर भर्ती और प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज पर लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाना।
(9) पांचवी अनुसूची क्षेत्र में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में मूल निवासियों को शत प्रतिशत आरक्षण
(10) शासकीय नौकरी में विकलांग और नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाना।
(11) पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाता तब तक अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदोन्नत रिक्त पदों को नहीं भरा जाना
(12) बस्तर संभाग की नक्सल समस्या पर स्थाई समाधान के लिए सभी पक्षों से समन्वय स्थापित कर स्थाई समाधान और राज्य सरकार द्वारा शीघ्र पहल।
(13) सुकमा के सिलगेर के मृतकों के परिजनों को 50 लाख और घायलों को 5 लाख तथा परिवार के एक-एक सदस्य को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी दीया जाना।

हेमंत उसेन्डी

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Author: CG FIRST NEWS

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