उत्तर प्रदेश में बढ़ सकता है गन्ने का दाम.
किसानों ने गन्ने की फसल की कीमत 400 रुपये प्रति कुंतल की मांग की थी. वहीं इंडियन सुगर मिल एशोसिएशन ने सरकार पर दवाब बनाया हुआ था. आपको बता दें पंजाब में गन्ने की कीमत 360 रु प्रति कुंतल है.
देशभर में चल रहे किसान आंदोलन से बीजेपी को आगामी चुनाव में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. इसी का कारण है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने की फसल के दाम को बढ़ाने का फैसला लिया है, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हरी झंडी मिलने का इंतजार है. इसे लेकर शासन स्तर से सभी कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है.
इस समय गन्ने की कीमत 325 रुपए प्रति कुंतल है और अगेती प्रजाति के गन्ने की कीमत 315 रु प्रति कुंतल है. पेराई सत्र 2021-22 में गन्ने के मूल्य पर 25 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोतरी हो सकती है, इससे पहले भी केंद्र की BJP सरकार ने गेंहू की फसल पर 40 रुपये समर्थन मूल्य बढ़ाया था.
किसानों ने की थी 400 रुपए प्रति कुंतल की मांग
किसानों ने गन्ने की फसल की कीमत 400 रुपये प्रति कुंतल की मांग की थी. वहीं इंडियन सुगर मिल एशोसिएशन ने सरकार पर दवाब बनाया हुआ था. आपको बता दें पंजाब में गन्ने की कीमत 360 रु प्रति कुंतल है. उसी की तर्ज पर योगी सरकार ने भी 25 रुपए की बढ़ोतरी की है. पेराई सत्र 2017-18 में योगी सरकार आने के बाद गन्ने पर 10 रुपए बढ़ाए गए थे, तब से अब तक कोई दाम नहीं बढ़े हैं.
बता दें कि देश का सर्वाधिक गन्ना उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है. देश के गन्ने के कुल रकबे का 51 फीसदी और उत्पादन का 50 और चीनी उत्पादन का 38 फीसदी उत्तर प्रदेश में होता है. भारत में कुल 520 चीनी मिलों में से 119 उत्तर प्रदेश में हैं. देश के करीब 48 लाख गन्ना किसानों में से 46 लाख से अधिक किसान चीनी मिलों को अपने गन्ने की आपूर्ति करते हैं. उत्तर प्रदेश में चीनी के उद्योग से करीब साढ़े छह लाख लोगों को रोजगार मिलता है.
चुनाव से महज कुछ महीने पहले बढ़े दाम
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से 5 महीने पहले गन्ने की कीमत बढ़ाकर सरकार किसानों को लुभाने की कोशिश कर रही है. ऐसा ही साल 2019 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला था, जब गन्ना किसानों का समर्थन पाने के लिए केंद्र सरकार ने भी राहत पैकेज का ऐलान किया था, जिसका सियासी फायदा भी मिला था.
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Author: CG FIRST NEWS
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