ट्विनसिटी में भी साइबर फ्रॉड तेजी से बढ़ रहा है। ऑनलाइन फ्रॉड के बाद कमीशन पर बैंक खाते में पैसे जमा हो रहे हैं। यही नहीं ऑनलाइन बैंटिंग(जुआ व सट्टा) का भी सेटअप तैयार हो गया है। इस बात का खुलासा इंदौर सायबर सेल ने किया है। सायबर सेल ने 23 जुलाई को वैशाली नगर भिलाई से कपड़ा शोरुम में काम करने वाले सेल्समैन आर रवि तेजा को पकड़ा।
उसने पूछताछ में गिरोह में शामिल कपड़ा व्यवसायी समेत करीब 7 लोगों के नाम कबूला है। उसने ऑनलाइन बैटिंग के बनाए तीन ठिकानों की जानकारी दी है। गिरोह तीनों अड्डे के बाद इंदौर में सेटअप तैयार कर रहे थे। पुलिस गिरोह में शामिल सदस्यों की तलाश में एमपी, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में डेरा जमाकर बैठी हुई है। दुर्ग पुलिस ने जब इस पूरे मामले की जांच की, तब यह खुलासा हुआ है। इसके बाद पुलिस इस पूरे मामले में जांच में जुटी हुई है।
जांच में खुलासा : पिछले दिनों भिलाई में पकड़ाया युवक
शाजापुर से जुड़े भिलाई के तार, जांच में जुटी पुलिस
इंदौर सायबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि उज्जैन पुलिस ने 20 जुलाई को शाजापुर निवासी डॉ. स्मृति पति शैलेश ठाकुर की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया। 12 जून से 10 जुलाई के बीच उसके खाते से 19.65 लाख रुपए उड़ा लिए गए। इसके बाद पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि भिलाई के वैशाली नगर निवासी आर रवि तेजा और लोकेश निर्मलकर के खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए। जब पुलिस ने रवि को पकड़ा तो पता चला कि गिरोह में कपड़ा व्यवसायी कपिल चेलानी और उसका भाई कमल चेलानी शामिल हैं। इसके साथ एक नाम लोकेश निर्मलकर का भी स्पष्ट हो गया। तीनों नाम के साथ चार अन्य लोगों के नामों का भी पता चला।
रायपुर के तेलीबांधा एरिया में सेंटर खुलने की खबर
जांच में पता चला है कि गैंग दो अलग अलग तरह के फ्रॉड में शामिल है। गैंग कमीशन पर ऑनलाइन फ्रॉड से कमाए पैसे अलग अलग बैंक अकाउंट में जमा करवाता था। इसके साथ गैंग ऑनलाइन जुए सट्टा का भी संचालन कर रहा हैं। गैंग ने भिलाई के बाद रायपुर के तेलीबांधा इलाके में फर्जीवाड़ा का ऑफिस खोल रखा है। गैंग लंबे समय से महाराष्ट्र से भी धंधा ऑपरेट कर रहा है। अब गैंग इंदौर में भी सेटअप खोलने के लिए जगह तलाश रहा है। पुलिस के मुताबिक गैंग के मास्टरमाइंड के पकड़े जाने के बाद उनके नेटवर्क और गिरोह में शामिल बाकी सदस्यों का पता चलेगा। टीम बाकी लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं। अब तक जानकारी नहीं मिल पाई है।
कपड़ा व्यवसायी के मास्टरमाइंड होने की शंका
पुलिस के मुताबिक गैंग का मास्टरमाइंड कपड़ा व्यवसायी कपिल के होने की शंका हैं। व्यवसायी की आकाश गंगा इलाके में कपड़े की दुकान हैं। दुकान में कुछ महीने पहले मारपीट भी हुई थी। कपिल को लेकर जानकारी पता चली है कि वह शांति नगर के युवक के संपर्क में था। जबकि उसका भाई कमल गैंग के लिए बैंकिंग का पूरा काम देखता था।
खाता खुलवाने के लिए दस्तावेज जुटाने से लेकर पैसा ट्रांसफर कराने की पूरी जानकारी उसके पास रहती थी। गैंग के राजस्थान और झारखंड के जालसाजों के संपर्क होने की आशंका जताई जा रही है। नए तरह का क्राइम होने की वजह से बहुत से लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं है। इस वजह से आरोपी छिप जा रहे हैं।
दुबई भेजने का झांसा देकर डॉक्टर से ठगे 1.76 लाख
मेडिकल कंपनी के पूर्व एमआर ने जोनल मैनेजर बनकर कादंबरी नगर निवासी डॉक्टर जीके अरोरा के साथ ठगी की। एमआर ने दवा कंपनी का खुद को जोनल मैनेजर बताकर डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर को उसके परिवार समेत इंटरनेशनल कांफ्रेंस में शामिल होने का प्रलोभन देकर झांसे में ले लिया।
डॉक्टर ने प्रलोभन में आकर दोस्त के जरिए एमआर के बैंक अकाउंट में 1.76 लाख रुपए जमा करवा दिए। पैसा मिलने के बाद ठग विशाल पांडे ने दोबारा ब्लड रिलेशन के अकाउंट से दोबारा पैसा भेजने का झांसा दिया। इसके बाद डॉक्टर को ठगी का पता चला। बुधवार को डॉक्टर पूरे धोखाधड़ी की पुलिस को शिकायत की।
जुनवानी इलाके से हो रहा था धोखाधड़ी का कॉल सेंटर ऑपरेट, जांच जारी
जांच में पता चला है कि गैंग धोखाधड़ी का कॉल सेंटर जुनवानी इलाके में हैं। यहीं से गैंग फ्रॉड करते थे। ऑनलाइन बैटिंग में वैशाली नगर का युवक के भी शामिल होने का पता चला हैं। वैशाली नगर में रहने वाला युवक शांति नगर मेंं रहने वाले युवक के लिए काम करता हैं। उसके पास बैटिंग करने के लिए चार आईडी हैं। जिसके जरिए वह लोगों से ऑनलाइन दाव लगवाता था। बैटिंग के लिए शांति नगर में रहने वाले युवक के पास 4 आईडी मिली है।
उज्जैन पुलिस हमारे संपर्क में, पूछताछ लगातार जारी
- उज्जैन पुलिस हमारे संपर्क में हैं। ठगी और बैटिंग को लेकर जानकारी मिली हैं। इनपुट मिलने पर यहां पर कार्रवाई की जाएगी। -प्रशांत अग्रवाल, एसपी दुर्ग
Author: CG FIRST NEWS
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