कंटेनरों में जड़ी बूटियों को उगाना आसान होता है. बस उन्हें थोड़ी धूप, पानी, अच्छी मिट्टी और उर्रवरक की जरूरत होती है. जड़ी बूटियों को अच्छी तरह से विकसित होने के लिए 6-8 घंटे धूप की जरुरत होती है.
कोरोना महामारी के दौर में लोग अब अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक हुए हैं. इसके साथ ही गंभीर अब खुद का स्वस्थ रखने के लिए लोगों में आयुर्वेदिक औषधि सेवन करने का भी प्रचलन बढ़ रहा है. जैसे तुलसी, गिलोय, पुदीना, लेमन ग्रास इत्यादी कई ऐसे पौधे हैं जिसकी ताजी पत्तियों का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है. ऐसे में अगर हम इन्हें अपने घर में उगाते हैं तो यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ आर्थिक स्वास्थ्य को भी सुधारने में मदद कर सकता है. इस खबर में पढ़ें की किस तरह से घर में भी औषधिय पौधें आप लगा सकते हैं.
घर में कैसे करें हर्बल पौधों की खेती
घर में उगायी जड़ी बूटियां घर में बनाये विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में और बेक किये गये समानों में नया स्वाद जोड़ सकती है. कंटेनरों में जड़ी बूटियों को उगाना आसान होता है. बस उन्हें थोड़ी धूप, पानी, अच्छी मिट्टी और उर्रवरक की जरूरत होती है. जड़ी बूटियों को अच्छी तरह से विकसित होने के लिए 6-8 घंटे धूप की जरुरत होती है. घर के बाहर अगर आप हर्बल खेती करते हैं तो इसके लिए बेड तैयार करना होता है. अच्छी मिट्टी का इस्तेमाल करके इसे बनाया जा सकता है. इसके अलावा अगर आप कंटेनर में इसे उगाना चाहते हैं तो इसके लिए चीनी मिट्टी के बर्तन, लकड़ी के बक्शे या मेटल के बक्शे का इस्तेमाल कर सकते हैं. पर ध्यान रहें कि इनमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो. इसे उगाने के लिए 18 से 21 डिग्री तापमान की जरूरत होती है.
जड़ी बूटी की श्रेणियां
मुख्यत: जड़ी बूटियों की दो तरह की श्रेणियां होती है.
पाक जड़ी बूटियां: जैसा की इसके नाम से ही लग रहा है इसका इस्तेमाल खाने को और स्वादिस्ट बनाने के लिए किया जाता है. मसाले के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. जैसे अजवायन, तुलसी, सीताफल, लेमनग्रास और अदरक इत्यादि.
औषधीय जड़ी बूटियां: इनका इस्तेमाल औषधि के लिए किया जाता है. जैसे केमोमाइल, केलेंडुला और इचिनेशिया इत्यादि का इस्तेमाल औषधि के तौर पर किया जाता है. इन्हें चाय, टिंचर और लोशन में मिलाया जाता है. हीलिंग जड़ी बूटियों का उपयोग बेहतर स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए किया जाता है.
कहां कहां कर सकते हैं हर्बल गार्डेनिंग
रसोई घर की खिड़की के बाहर बक्शे में इसकी खेती की जा सकती है ताकि जरुरत पड़ने पर तुंरत तोड़कर इसका इस्तेमाल किया जा सके.
हैंगिंग हर्ब गार्डन: हैंगिंग हर्ब गार्डन भी घर में हर्बल पौधे लगाने का एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. इसमें जल निकासी की बेहतर व्यवस्था होती है. हवा कि सप्लाई अच्छी होती है इसके कारण कंटेनर जल्दी सूख जाते हैं.
वर्टिकल गार्डेनिंग: वर्टिकल हर्ब गार्डेंनिंग आज के दौर में व्यवहारिक भी है साथ में सजावट का भी काम करता है. वर्टिकल हर्ब गार्डेनिंग में दीवारों पर छतों पर इसे विभिन्न तरीको से लगाया जाता है. वर्टिकल हर्ब गार्डन में तुलसी, चिव्स, सीताफल, डिल, लेवेंडर, लेमन बाम और पुदीना समेत अन्य जड़ी बूटियों को लगाया जा सकता है.
कंटेनर हर्ब गार्डन: जड़ी बूटियों सभी प्रकार के कंटेनर में उगायी जा सकती है बशर्तें इनमें जल निकासी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए.
इंडोर हर्ब गार्डन: कई ऐसे जड़ी बूटियां होते हैं जिन्हें आप घर के अंदर भी उगा सकते हैं. तो अगर आपके पास बालकनी या बाहर में जगह नहीं है तो घर के अंदर भी इसे लगा सकते हैं. घर के अंदर अगर आप जड़ी बूटियां लगाते हैं तो इसे ऐसी जगह पर करें जहां धूप आती हो क्योंकि इन्हें कम से कम 6 घंटे धूप की आवश्यकता होती है.
आउटडोर हर्ब गार्डन: जड़ी बूटियों को बाहर उगाने के बहुत फायदे हैं. पर इसके लिए यह सुनिश्चित करें की उस जगह पर मिट्टी अच्छी हो और धूप मिलती हो. जमीन में मिट्टी को ऊंचा करके बेड बनाकर इसे लगाया जा सकता है.
सही पौधों का चयन
अधिकांश जड़ी बूटियों को घर के अंदर या कंटेनर में उगाया जा सकता है. इनडोर बागवानी के लिए तुलसी, चिव्स, पुदीना, अजवायन, अजमोद और मेहंदी उपयुक्त माने जाते हैं.
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Author: CG FIRST NEWS
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