रायपुरः मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली दौरे पर हैं. दिल्ली में थोड़ी देर बाद सीएम बघेल, राहुल गांधी से (Rahul Gandhi CM Bhupesh Baghel Meeting In Delhi) मुलाकात करेंगे. इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ में कैबिनेट में फेरबदल (Baghel cabinet reshuffle) पर चर्चा हो सकती है. बघेल सरकार के तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर सीएम बघेल ने (Baghel government completes 3 years) रायपुर में कहा था कि छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में फेरबल संभव है. जिसके बाद राहुल गांधी से उनकी मुलाकात पर सबकी निगाहें टिकी हुई है.
सीएम ने कैबिनेट में फेरबदल की जताई थी संभावना
17 दिसंबर को सीएम ने रायपुर में छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल (Cabinet reshuffle likely in Chhattisgarh) में फेरबदल की संभावना जताई थी. सीएम के इस संकेत के बाद से प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई. ऐसे में सीएम बघेल अब दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं. जहां राहुल गांधी से कैबिनेट फेरबल पर बातचीत हो सकती है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 पर भी हो सकती है चर्चा
सूत्रों की मानें तो दिल्ली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राहुल गांधी के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) को लेकर तो चर्चा होनी है. साथ ही मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर भी विचार-विमर्श किया जा सकता है.
फेरबदल हुआ तो ये नए चेहरे हो सकते हैं शामिल
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया की जगह आदिवासी वर्ग से ही स्वर्गीय महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
सरगुजा संभाग के विधायक बृहस्पति सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. ऐसे में आदिवासी वर्ग से ही आने वाले शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम पर गाज गिर सकती है.
अगर पार्टी आलाकमान राजस्थान की तरह दोनों पक्षों में संतुलन बनाने के लिए मंत्रिमंडल में बदलाव करता है तो स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बेहद करीबी माने जाने वाले विधायक शैलेश पांडे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.जानकार मानते हैं कि पांडे उच्च शिक्षा और युवा कल्याण जैसे ही विभाग के मंत्री बनना ज्यादा पसंद करेंगे. ऐसे में मंत्री उमेश पटेल के विभागों में भी बदलाव संभव है.
मंत्री जय सिंह अग्रवाल की जगह जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सत्यनारायण शर्मा या धनेंद्र साहू को मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है.
जानकारों की मानें तो दो बड़े नेताओं के बीच संतुलन बिठाने की अगर पार्टी कोशिश करेगी तो इसका खामियाजा मुख्यमंत्री के करीबी और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के घोर विरोधी अमरजीत भगत को उठाना पड़ सकता है. भगत की जगह प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कर रहे विधायक मोहन मरकाम को जगह मिल सकती है.
Author: CG FIRST NEWS
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