दशहरा पर्व को देखते हुए दुर्ग जिला प्रशासन ने रावण दहन और दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें रावण दहन कराने वाली समितियों को एक रजिस्टर तैयार करना होगा। इस रजिस्टर में आने वाले लोगों को नाम-पता और मोबाइल नंबर लिखाना होगा। आयोजकों और दर्शकों को मास्क लगाना भी अनिवार्य होगा। आयोजन के दौरान कहीं भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, भंडारा और पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी और न ही डीजे-धुमाल की अनुमति मिलेगी।
मैदान की क्षमता से 50 फीसदी लोग ही हो सकेंगे शामिल
- रावण दहन में मुख्य अतिथि सहित मैदान की क्षमता से 50 प्रतिशत से अधिक लोग नहीं आ सकते।
- आयोजन की वीडियोग्राफी कराना भी अनिवार्य किया गया है। सभी समितियों को नियमों का पालन करने की सहमति देने के बाद ही आयोजन की अनुमति दी जाएगी।
- प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक दूरी का पालन करना, मास्क लगाना और समय-समय पर हाथ को सैनिटाइज करते रहना अनिवार्य होगा।
- कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए इलाके में रावण दहन नहीं होगा। अगर कहीं अनुमति मिलने के बाद उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है, तो वहां भी कार्यक्रम को तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा।
- दशहरा उत्सव समिति ही थर्मल स्कैनर, ऑक्सिमीटर, हैंड वॉश और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था करेगी।
- थर्मल स्कैनिंग में किसी व्यक्ति को बुखार मिलता है अथवा कोरोना का कोई लक्षण नजर आता है, तो ऐसे व्यक्ति को भीतर आने से रोकने की जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी।
- प्रशासन ने रावण दहन के दौरान आग से बचने के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाने का भी निर्देश दिया है। इसके तहत रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे की बैरिगेडिंग होनी है।
- आग बुझाने की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्य होगी। आयोजकों को NGT और प्रदूषण कानूनों का भी ध्यान रखना होगा।
Author: CG FIRST NEWS
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