दुष्कर्मी टीचर को 5 साल जेल में रहने की सजा:छात्रा से बार-बार बनाया नाजायज संबंध; गर्भवती हुई तो खिलाई ऐसी दवा की हो गई थी मौत

दुर्ग जिले एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। (फाइल फोटो)

दुर्ग जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव की अदालत ने गुरु शिष्य के रिश्तों को कलंकित करने वाले टीचर को 5 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। टीचर पर आरोप था कि उसने उससे ट्यूशन पढ़ने वाली छात्रा के साथ पहले नाजायज संबंध बनाए। जब वह गर्भवती हो गई तो उसे गर्भपात की दवा खिला दी। जिसके बाद छात्रा की मौत हो गई थी।

लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने बताया कि घटना साल 2019 की छावनी क्षेत्र की है। आरोपी अविनाश कुमार राजपूत के घर पर 18 वर्षीय छात्रा ट्यूशन पढ़ने जाती थी। इसी दौरान ट्यूटर अविनाश ने छात्रा को अपने प्रेमजाल में फंसाया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। कुछ दिन बाद जब छात्रा ने उसे बताया कि वह गर्भवती हो गई है तो अविनाश ने उसे गर्भपात की पांच गोलियां खिला दीं। इससे छात्रा को अधिक ब्लीडिंग होने लगी। परिजनों ने उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया। 29 जनवरी 2019 को उपचार के दौरान छात्रा ने दम तोड़ दिया था।

परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच और मृत्यु पूर्व बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी को 19 जून 2019 को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था। इस मामले की सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आरोपी को धारा 314 का दोषी पाते हुए 5 वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।

न्यायालय ने फैसले के दौरान की यह टिप्पणी

अदालत ने मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा “आरोपी लड़की का गुरू था, इसके बावजूद उसने गुरू के दायित्व को सही तरीके से निर्वहित न करते हुए छात्रा के साथ शारीरिक संबंध बनाए। उसके बाद गर्भवती होने पर स्वयं को बचाने के आशय से छात्रा के जीवन को खतरे में डालते हुए उसे गर्भपात कराने के आशय से दवाईयों को खिलाया। इससे उसकी मौत हो गई। इस स्थिति अभियुक्त को कम सजा से दंडित किया जाना उचित नहीं होगा।“

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Author: CG FIRST NEWS

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