संवाददाता ओमप्रकाश उसेण्डी
देश -दुनिया के लिए रहस्यमय बने अबूझमाड़ से अच्छी खबर आ रही है। जी हाँ,हम बात कर रहे है हतलानार गांव की। करीब चार सौ की आबादी वाले इस गांव में सरकार की पहुँच नहीं के बराबर है। बच्चों की तालीम के लिए स्कूल नहीं है। पीने के लिए साफ पानी नसीब नहीं होता है। गांव तक पहुँचने के लिए ऊंचे पहाड़ों और नदी-नालों को पार करना पड़ता है। यहां के सरपंच नक्सलियों के भय से गांव में नहीं रहते है। विकास के नाम पर यह बताने लायक कुछ भी नही है। गांव की इतनी बदहाली के बाद भी पूरी दुनिया से अलग इस गांव में कोरोना को लेकर लोगों में खास जागरूकता दिख रही है। नक्सल प्रभावित इस गांव में टीकाकरण का कार्य सौ फीसदी हो गया है। नारायणपुर जिले का यह पहला गांव है जहाँ लोगों को कोरोना का सुरक्षा कवच मिल गया है। अब इसके पीछे की कहानी भी बताते है। शिक्षा के साथ मूलभूत सुविधाओं से वंचित इस गांव में सौ फ़ीसदी वैक्सीनेशन होने के पीछे स्वास्थ्य विभाग की बड़ी भूमिका नजर आती है। कोहकामेटा सेक्टर अधिकारी डॉक्टर कमलेश इजारदार और उनकी टीम के द्वारा काफी जद्दोजहद के बाद ग्रामीणों को जागरूक कर कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया गया है। शुरुआत में गांव की दहलीज में कदम रखते ही गांव के सिरहा समेत प्रमुख लोगों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग की टीम का विरोध कर उन्हें बैरंग लौटा दिया गया था। जिसके बाद डॉक्टर कमलेश इजारदार ग्रामीणों को समझाने के लिए सिरहा के पास गए और उन्हें कोरोना वायरस के गंभीर स्थितियों से अवगत करा कर सबसे पहले उन्हें टीका लगाया। इसके बाद सिरहा को वैक्सीनेशन के लिए गांव के अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने को कहा गया। ग्रामीणों के बीच सिरहा को ले जाकर टीकाकरण के फायदे बताए गए। स्वास्थ विभाग की टीम के द्वारा महिला और पुरुषों को टीकाकरण करना शुरू किया गया। दो माह के मशक्कत के बाद झारावाही पंचायत के आश्रित गांव हतलानार के सभी लोगों को वैक्सीनेशन लगा दिया गया है। गांव के लोग स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली से बेहद खुश नजर आ रहे हैं। ग्रामीण चाहते हैं कि उनके गांव में स्वास्थ्य विभाग की तरह बाकी विभाग भी पूरी गंभीरता से प्रयास कर गांव की दशा और दिशा को विकास की ओर ले चले।
256 लोगों का लगा टीका
अबूझमाड़ के हतलानार गांव में 256 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है। नदी-नाले को पार कर हमारी टीम गांव तक पहुँची थी। शुरुआत में ग्रामीणों के द्वारा हमारा विरोध किया गया था लेकिन बाद में समझाने से वे मान गए। ग्रामीणों की जागरूकता माड़ के अन्य गांव के लिए बढ़िया उदाहरण पेश कर रही है।
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Author: CG FIRST NEWS
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