भारत ने रचा इतिहास! इस मामले में दुनिया की आर्थिक महाशक्ति अमेरिका को छोड़ा पीछे, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Cushman & Wakefield की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है.

अमेरिका को पीछे छोड़कर भारत दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक मैन्युफैक्चरिंग डेस्टीनेशन बन गया है. रियल एस्टेट कंस्लटेंट कुशमैन एंड वेकफील्ड की ओर से जारी रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि लागत के मोर्चे पर दक्षता की वजह से मैन्युफैक्चरिंग केंद्र के रूप में भारत का आकर्षण बढ़ा है. हाल में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा था कि भारत चीन की नकल करके दुनिया का नया मैन्युफैक्चरिंग केन्द्र नहीं बन सकता. भारत को अगर इस क्षेत्र में आगे निकलना है तो उसे वृद्धि के नए उभरते क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा.

भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ा

कुशमैन एंड वेकफील्ड की लिस्ट के मुताबिक, चीन नंबर-1 है. वहीं, भारत दूसरे पायदान पर है. पिछले साल भारत इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर था.

  1. चीन
  2. भारत
  3. अमेरिका
  4. कनाडा
  5. चेक रिपब्लिक
  6. इंडोनेशिया
  7. लिथुएनिया
  8. थाइलैंड
  9. मलेशिया
  10. पोलैंड

सरकार की योजना से हो रहा है फायदा

केंद्र सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए PLI स्कीम की शुरुआत की है. इसके जरिए कंपनियों को भारत में अपनी यूनिट लगाने और एक्सपोर्ट करने पर विशेष रियायत के साथ-साथ वित्तीय सहायता भी दी जाती है.

अगले पांच साल में देश में प्रोडक्शन करने वाली कंपनियों को 1.46 लाख करोड़ रुपये का इंसेंटिव देगी. इससे देश में प्रोडक्ट बनने से भारत का इंपोर्ट पर खर्च घट जाएगा. देश में जब सामान बनेगा तो रोजगार के भी नए अवसर तैयार होंगे.

स्कीम के तहत विदेशी कंपनियों को भारत में फैक्ट्री लगाने के साथ-साथ घरेलू कंपनियों को प्लांट लगाने में मदद मिलेगी. यह योजना 5 साल के ​लिए है. इसमें कंपनियों को कैश इंसेंटिव मिलता है. इस स्कीम का लाभ सभी उभरते सेक्टर जैसे कि ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, उन्नत रसायन विज्ञान, टेलिकॉम, फार्मा, और सोलर पीवी निर्माण आदि ले सकते हैं.

रिपोर्ट के बारे में जानिए

कुशमैन एंड वेकफील्ड ने बयान में कहा गया है कि सबसे अधिक मांग वाले मैन्युफैक्चरिंग डेस्टीनेशन में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है. इससे पता चलता है कि अमेरिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की तुलना में मैन्युफैक्चरिंग भारत में रुचि दिखा रहे हैं. लागत के मामले में मैन्युफैक्चरिंग डेस्टीनेशन के रूप में भारत का आकर्षण बढ़ा है. इसके अलावा भारत ने आउटसोर्सिंग की जरूरतों को सफलतापूर्वक पूरा किया है. इससे सालाना आधार पर भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है.

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Author: CG FIRST NEWS

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