काली पूजा और दिवाली पर पटाखे जलाने (Kali Puja-Diwali Firecrackers Ban) पर प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) सोमवार को तीन बजे कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर फिर सुनवाई करेगा. जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि इस साल काली पूजा, दिवाली समारोह और कुछ अन्य उत्सवों के दौरान राज्य में सभी पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा. न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की एक विशेष पीठ उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
सोमवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उसने याचिका की एक प्रति राज्य सरकार और प्रदूषण बोर्ड को सौंपी है. यह हम रोज नहीं सुन सकते हैं. हम मामले की सुनवाई अपराह्न तीन बजे करेंगे. तब तक, याचिकाकर्ता को पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थायी परिषद को सूचित करना होगा और दोपहर 3 बजे सुनवाई में उपस्थित होना होगा.
सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को दी गई है चुनौती
बता दें कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दो याचिकाओं में दावा किया गया है कि कलकत्ता न्यायालय द्वारा पारित पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश पूरी तरह से गलत था, जबकि पश्चिम बंगाल के भीतर जब शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों में अनुमेय सीमा में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति दी है. पश्चिम बंगाल स्थित पटाखा संघ के अध्यक्ष और इस तरह के एक अन्य समूह द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कम से कम 30 प्रतिशत कम प्रदूषण उत्सर्जन वाले हरे पटाखे स्थानीय बाजार में पेश किए गए हैं. ये पर्यावरण के अनुकूल हैं. गौतम रॉय और सुदीप भौमिक की ओर से दायर दो याचिकाओं में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है.
याचिकाकर्ता ग्रीन पटाखे जलाने में छूट की कर रहे हैं मांग
याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि पटाखों से लगभग सात लाख परिवारों का घर चलता है. ये लोग पटाखों के निर्माण और बिक्री की प्रक्रिया में शामिल हैं और किसी न किसी तरह से आतिशबाजी उद्योग से जुड़े हैं. साथ ही याचिका में कहा गया है, अगर इस मौसम में पश्चिम बंगाल में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है, तो विक्रेताओं और निर्माताओं को अपूरणीय क्षति होगी, जिससे पटाखा उद्योग पूरी तरह से बंद हो सकता है और लाखों लोगों पर आर्थिक संकट आ जाएगा. दिवाली को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बेरियम जैसे खतरनाक रसायनों से बने पटाखों और पटाखों पर सख्त रोक लगा दी है. हालांकि कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को छूट दी है.
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Author: CG FIRST NEWS
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