अनुसूचित जनजाति के ग्रामीणों को अपने ही जमीन से भू माफियाओं के द्वारा किया जा रहा है बेदखल

संवाददाता-पुरन बघेल

आपको बता दें कि यह मामला तहसील बकावंड के अंतर्गत आता है उक्त मामला को लेकर विगत 3 वर्षों से आदिवासी बहुल क्षेत्र के ग्रामीणों ने अपने ही हक की जमीन वापस पाने के लिए शासन प्रशासन से गुहार लगाने हेतु दर-दर भटकने को मजबूर हैं

ग्रामीणों का कहना है भू माफियाओं के द्वारा हमारी जमीन को अधिग्रहण किया गया है जिसमें30 से 35 एकड़ शासकीय जमीन है जिसे चारागाह और गोठान के नाम से आरक्षित किया गया था उसमें 7 से 8 किसानों का पट्टा जमीन है हम कई बार तहसील से लेकर कलेक्टर तक का आना-जाना कर रहे हैं हमें हमारा जमीन वापस दिलाएं लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है ग्रामीणों का आरोप है कि यह राजस्व विभाग के अधिकारियों का भी मिलीभगत है तभी कुछ भी नहीं हो रहा है ।
सामाजिक संगठन छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के जिला सचिव नीलकुमार बघेल के द्वारा इस प्रकरण की जानकारी लेने के बाद उन्होंने कहा इनकी समस्या बहुत ही गंभीर है हम इसे अपने संगठन के द्वारा इस भूमि का पुनः जांच हेतु जिला कलेक्टर साहब से निवेदन करेंगे और हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो सड़क से लेकर सदन तक इस बात को रखेंगे इस मामले को लेकर शासन-प्रशासन संज्ञान में नहीं लेती है तो आने वाले 7 दिवस के भीतर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के साथ उग्र आंदोलन और चक्का जाम भी करने पर बाध्य होंगे जिसके जिम्मेदार शासन-प्रशासन होगी।

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Author: CG FIRST NEWS

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