तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से अब युद्धग्रस्त मुल्क में सरकार गठित करने की तैयारी तेज कर दी है.
एरियाना अफगान एयरलाइन्स का एक विमान (File Photo)
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से बंद पड़ी एविएशन इंडस्ट्री एक बार फिर से चालू होने वाली है. अफगान एविएशन अथॉरिटी (Afghan Aviation Authority) के प्रमुख ने कतर (Qatar) की समाचार एजेंसी अल-जजीरा को बताया है कि शुक्रवार से घरेलू उड़ानें एक बार फिर शुरू (Domestic Flight start in Afghanistan) हो जाएंगी. हालांकि, इंटरनेशनल फ्लाइट्स के शुरू होने में वक्त लगेगा. एविएशन अथॉरिटी के प्रमुख ने कहा कि वह काबुल एयरपोर्ट के तकनीकी पहलुओं को संभालने के लिए कतर के साथ एक कांट्रैक्ट पर साइन करने के लिए तैयार हैं.
वहीं, अफगान एविएशन अथॉरिटी के एक अधिकारी ने अल जजीरा को बताया कि कतरी तकनीकी टीम काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर हुए नुकसान का आकलन कर रही है. टीम की योजना काबुल एयरपोर्ट को जल्द से जल्द चालू करने की है. दूसरी ओर, अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से अब युद्धग्रस्त मुल्क में सरकार को गठित करने की तैयारी तेज हो गई है. तालिबान नेताओं ने सरकार गठन करने को लेकर बैठक भी की है. अल जजीरा को एक सूत्र ने बताया है कि तालिबान द्वारा शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नई सरकार के गठन का ऐलान किया जा सकता है.
हैबतुल्ला अखुंदजादा करेगा नई सरकार का नेतृत्व
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार का नेतृत्व मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा (Mullah Haibatullah Akhunzada) करेगा. टोलो न्यूज के मुताबिक, तालिबान ने गुरुवार को इसका ऐलान किया. अभी तक अखुंदजादा लोगों की निगाहों से दूर रहा है. तालिबान ने देश चलाने के लिए अपने सरकारी ढांचे को अंतिम रूप दे दिया है. हैबतुल्ला अखुंदजादा तालिबान सरकार का मुखिया होगा. उसके नेतृत्व में एक प्रधानमंत्री या एक राष्ट्रपति देश को चलाएगा. तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्ला समांगानी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हैबतुल्ला अखुंदजादा नई अफगानिस्तान सरकार का प्रमुख होगा.
अफगानिस्तान में भुखमरी का संकट!
वहीं, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के भोजन का भंडार इस महीने खत्म हो सकता हैं. संस्था के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा, देश के नए तालिबान शासकों के सामने आने वाली चुनौतियों में भूख संकट भी एक बड़ी चुनौती हो सकती है. ऐसा ही चलता रहा तो जल्द ही देश को भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है. अफगानिस्तान की स्थिति इस कदर खराब हो गई है कि देश की 3.8 करोड़ आबादी का लगभग एक तिहाई यह नहीं जानता कि वे हर दिन भोजन करेंगे या नहीं. इस वजह से महिलाओं और बच्चों की सबसे अधिक मुसीबत बढ़ने वाली है.
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Author: CG FIRST NEWS
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