महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले के फुलंब्री तालुका में पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक मात्रा में कपास की फसल लगाई गई थी. भारी बारिश और बेमौसम बरसात ने कपास की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया तो इससे उत्पादन में काफी कमी आई थी. जिन किसानों की कपास बच गई थी उन्हें उम्मीद थी कि फसल पर उनको अच्छी कीमत मिलेगी कोरोना के चलते चीन को कपास निर्यात पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है. इसके चलते स्थानीय बाजार में कपास के भाव भी गिरे हैं. इसके भाव में पिछले 15 दिनों में भाव 1500 से 2000 रुपये तक गिरावट देखी गई है. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले के फुलंब्री तालुका में पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक मात्रा में कपास की फसल लगाई गई थी. भारी बारिश और बेमौसम बरसात ने कपास की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया तो इससे उत्पादन में काफी कमी आई थी. जिन किसानों की कपास बच गई थी उन्हें उम्मीद थी कि फसल पर उनको अच्छी कीमत मिलेगी.
किसान 3 सप्ताह पहले 9,500 रुपये प्रति क्विंटल पर कपास बेच रहे थे, उन्हें अब कपास 7,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचना पड़ रहा है. पिछले 20 दिनों में रेट में भारी कमी आई है. आजतक ने रंगाबाद से 35 किलोमीटर दूरी पर फुलंब्री गांव में पहुंचकर यह जानने की कोशिश की आखिर कपास की कीमतों में इतनी गिरावट क्यों?
Author: CG FIRST NEWS
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