छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर खाद्य विभाग द्वारा 12 नवंबर 2021 को जारी प्लान के अनुसार नये जूट बारदानों की समयानुसार आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है. बघेल ने अपने पत्र में कहा है कि प्लान के अनुसार छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) को 2.14 लाख गठान नये जूट बारदाने जूट कमिश्नर कोलकाता के माध्यम से क्रय करने की अनुमति प्राप्त हुई है. इसके विरुद्ध राज्य को अभी तक मात्र 86,856 गठान नये जूट बारदाने प्राप्त हुए हैं, जो प्लान अनुसार अपेक्षित मात्रा से काफी कम है. राज्य को धान खरीद (Paddy procurement) के लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता है.
जूट कमिश्नर द्वारा प्लान के अनुसार यदि समयानुसार शतप्रतिशत बारदानों की आपूर्ति नहीं की जाती है तो राज्य में परेशानी बढ़ेगी. बघेल ने कहा है छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी का कार्य 01 दिसंबर, 2021 से प्रारंभ होना संभावित है. जिसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं.
कितनी होगी धान खरीद
खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर राज्य में किसानों (Farmers) से 105 लाख टन धान उपार्जन होना अनुमानित है, जिसके लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता होगी. इसमें से 2.14 लाख गठान नये जूट बारदाने जूट कमिश्नर कोलकाता के माध्यम से क्रय करने की अनुमति खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 12 नवंबर 2021 को जारी पत्र द्वारा दी गई है. इसके अनुसार अगस्त के लिए 0.19 लाख गठान, सितंबर हेतु 0.32 लाख गठान, अक्टूबर के लिए 0.72 लाख गठान, नवंबर के लिए 0.15 लाख गठान एवं दिसंबर के लिए 0.76 लाख गठान नये जूट बारदाने की माहवार आपूर्ति किये जाने का शेड्यूल जारी किया गया है.
कितनी हुई आपूर्ति
बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी समिति विपणन संघ मुख्यालय नवा रायपुर द्वारा 2.14 लाख गठान जूट बारदाने क्रय करने के लिये इंडेन्ट जारी किये गए हैं. इसके विरुद्ध राज्य को अभी तक मात्र 86,856 गठान नये जूट बारदाने ही प्राप्त हुए हैं. जूट कमिश्नर के माध्यम से राज्य को प्राप्त होने वाले उक्त समस्त नये जूट बारदानों की शत-प्रतिशत आपूर्ति हेतु राज्य स्तर से निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं.
पिछले वर्ष रोजाना कितने बारदाने लगे
बघेल ने प्रधानमंत्री को बताया है कि विगत वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद के लिए प्रतिदिन औसतन 10 हजार गठान बारदानों की आवश्यकता हो रही थी. ऐसी स्थिति में यदि जूट कमिश्नर कोलकाता द्वारा आपूर्ति कार्ययोजना के अनुरूप शत-प्रतिशत बारदानों की आपूर्ति समय पर नहीं की जाती है, तो धान खरीदी अवधि के दौरान कानून व्यवस्था से संबंधित स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में खाद्य विभाग द्वारा 61.65 लाख टन चावल (Rice) केन्द्रीय पूल अंतर्गत लिये जाने की अनुमति प्रदान की गई है. राज्य में केन्द्रीय पूल की आवश्यकता 16 लाख टन के अतिरिक्त शेष 45.65 लाख टन चावल केन्द्रीय पूल अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम (FCI) में जमा कराया जाना है. जिसके लिए भी नये जूट बारदाने की प्लान अनुसार निरंतर आपूर्ति की जरूरत है.
Author: CG FIRST NEWS
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