नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन! क्या है इसका मतलब, कहां से और कितने रुपये जुटाएगी सरकार, जानिए सभी सवालों के जवाब

सरकार ने सरकारी संपत्तियों के जरिए अगले कुछ साल में 6 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्‍य रखा है.

NMP-National Monetization Pipeline नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइल प्रोग्राम (NMPP) का मतलब यानी सरकार ने उन एसेट की पहचान की है जिसे उसे बेचना है. सरकार ने प्रोग्राम के तहत उन सरकारी कंपनियों की एसेट की पहचान की है जिससे अगले कुछ सालों में रकम जुटाई जाएगी. सरकार ने इन संपत्तियों के लिए एक समयसीमा निर्धारित की है.

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम (NMPP) को पेश किया है. हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर ये प्रोग्राम क्‍या है और सरकार कैसे इसे मैनेज करेगी इस प्रोग्राम के जरिए केंद्र सरकार, सरकारी कंपनियों में विनिवेश के जरिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट्स को फंड करेगी. इस कार्यक्रम को एसेट मॉनेटाइजेशन के तौर पर भी जाना जा रहा है. वित्‍तीय मामलों के जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार विनिवेशिकों को इस प्रोग्राम की मदद से किसी प्रोजेक्‍ट की एक साफ तस्‍वीर दे सकती है.

क्‍या है सरकार का मकसद

नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइल प्रोग्राम (NMPP) का मतलब यानी सरकार ने उन एसेट की पहचान की है जिसे उसे बेचना है. सरकार ने प्रोग्राम के तहत उन सरकारी कंपनियों की एसेट की पहचान की है जिससे अगले कुछ सालों में रकम जुटाई जाएगी. सरकार ने इन संपत्तियों के लिए एक समयसीमा निर्धारित की है. सरकार ने तय किया है कि मौजूदा वित्‍त वर्ष में 88 हजार करोड़ रुपए और अगले चार सालों के अंदर करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति को मॉनेटाइज किया जाएगा.

क्‍या सरकार बेच रही है हाइवे और रेलवे सेक्‍टर

कुछ लोग ऐसा समझ रहे हैं कि सरकार इन संपत्तियों को बेच देगी. मगर ऐसा नहीं है. सरकार का इस संपत्ति पर मालिकाना हक बरकरार रहेगा. लेकिन इसे प्रयोग करने का अधिकार निजी कंपनियों या निवेशकों को दिया जाएगा. यानी सरकार इससे जुड़े फैसले ले सकती है.

किन-किन सेक्‍टर्स से आएगा पैसा

  • सरकार ने इस प्रोग्राम में 6 लाख करोड़ रुपए की जिस संपत्ति की पहचान की है, उसमें सड़क सबसे ऊपर है.
  • सरकार का मकसद हाइवे को बिल्‍ड ऑपरेट ट्रांसफर (BOT) मॉडल पर ट्रांसफर करके 1.5 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य है.
  • इसके बाद नंबर आता है रेलवे का जिसमें सरकार ने 1 लाख 52 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्‍य रखा है.
  • इसके बाद पावर सेक्‍टर यानी पावर ग्रिड की ट्रांसमिशन लाइन को मॉनेटाइज करके सरकार ने 45 हजार 200 करोड़ रुपए जुटाए जाने हैं.
  • NTPC, NHPC या कोल इंडिया के हाइड्रो पावर प्रोजेक्‍ट्स को मॉनेटाइज करके सरकार ने 39 हजार 832 करोड़ रुपए का लक्ष्‍य तय किया गया है.
  • गैस सेक्‍टर में Gas Authority of India Limited (GAIL) की पाइपलाइन को मॉनेटाइज करके करीबी 24,000 करोड़ रुपए का लक्ष्‍य रखा गया है.
  • IOCL और HPCL की पाइपलाइन को मॉनेटाइज करके 22,000 करोड़ रुपए का लक्ष्‍य तय किया गया है.

कैसे होगा इन पैसों का प्रयोग

इन तय लक्ष्‍यों के आधार पर ही आगे चलकर हर हफ्ते और हर तीन माह में मीटिंग करेगी. सरकार की कोशिश इससे पैसा जुटाकर दूसरे जनह‍ित कार्यों पर खर्च करने की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 के बजट भाषण में कहा था कि नए बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एसेट मॉनेटाइजेशन को एक बहुत महत्वपूर्ण वित्त-पोषण विकल्प बताया था. सरकार, संपत्तियों के मॉनेटाइजेशन को केवल

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Author: CG FIRST NEWS

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