पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि.
देश के प्रमुख नेताओं में से एक और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संस्थापक सदस्य अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त, 2018 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में ‘सदैव अटल’ समाधि पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defense Minister Rajnath Singh), राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अन्य नेता भी स्मारक पर मौजूद थे. वहीं पीएम के अलावा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई अन्य बीजेपी नेताओं ने भी ‘सदैव अटल’ समाधि पर वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- प्रखर राष्ट्रवादी, लोकप्रिय जननेता, भारतीय राजनीति में अपने आचरण से लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना करने वाले राजर्षि, पूर्व प्रधानमंत्री, ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि. आपका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए एक महान प्रेरणा है.
तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया
देश के प्रमुख नेताओं में से एक और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संस्थापक सदस्य अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त, 2018 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया था. वह 93 साल के थे. वाजपेयी ने तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. सबसे पहले साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने महज 13 दिन में ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद साल 1998 और 2004 के बीच दो कार्यकाल के लिए उन्होंने पीएम का पद संभाला था.
जन्मदिन ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है
मालूम हो कि अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन यानी 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. उन्हें 2014 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. भारत के पूर्व पीएम वाजपेयी हिंदी में संयुक्त राष्ट्र विधानसभा में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री भी थे. 4 अक्टूबर, 1977 को उन्होंने जब हिंदी में भाषण दिया, तो यूएन तालियों से गूंज उठा.
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Author: CG FIRST NEWS
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