‘भ्रष्टाचार के समर्थन में उतरी कांग्रेस, ED की पूछताछ के बीच स्मृति ईरानी की बड़ा हमला

‘भ्रष्टाचार के समर्थन में उतरी कांग्रेस, ED की पूछताछ के बीच स्मृति ईरानी की बड़ा हमला

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से ईडी दफ्तर में पूछताछ हो रही है. इसको लेकर एक तरफ जहां कांग्रेस नेताओं ने सड़क पर उतरकर मार्च किया तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, “जो जेल से बेल पर हैं उन्होंने घोषणा की है कि आओ दिल्ली को घेरो क्योंकि हमारा भ्रष्टाचार पकड़ा गया है.”

स्मृति ईरानी ने कहा कि, एक इंवेस्टिगेशन एजेंसी पर दबाव डालने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित कर दिल्ली बुलाया गया है. ये लोग खुलेआम एजेंसी पर दबाव डाल रहे हैं. क्या ये है कांग्रेस पार्टी की नीति? स्मृति इरानी ने मामले पर गहराई से बात करते हुए कहा कि, 1930 के दशक में एसोसिएट जनरल लिमिटेड (एजेएल) नाम से एक कंपनी गठित होती है जिसका काम है अखबार का प्रकाशन. उस वक्त इसके शेयर होल्डर 5 हजार थे. जिस अखबार के प्रकाशन के लिए स्वतंत्रता सेनानी शेयर हॉलडर सुनिश्चित किए गए उसकी शेयर होल्डिंग एक परिवार को दी गई ताकि वो अखबार का प्रकाशन नहीं करें बल्कि रीयल स्टेट्स का बिजनेस करें.

90 करोड़ को लोन को माफ कर दिया जाता है- स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि, साल 2008 में इस कंपनी ने अपने ऊपर 90 करोड़ का कर्जा चढ़ा लिया था और फैसला किया कि अब ये कंपनी प्रोपर्टी के बिजनेस में उतरेगी. साल 2010 में, 5 लाख रुपये से यंग इंडिया नाम की कंपनी बनाई गई जिसमें राहुल गांधी डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए. 75 प्रतिशत मात्र उनकी हिस्सेदारी थी बाकि, उनकी माता जी सोनिया गांधी समेत अन्य कुछ लोगों के पास थे. इसके बाद एजेएल के 9 करोड़ शेयर यंग इंडिया को दिए जाते हैं. 9 करोड़ के शेयर के साथ यंग इंडिया को इस कंपनी के 99 प्रतिशत शेयर हासिल होते हैं. कांग्रेस पार्टी, कंपनी को एजेएल को 90 करोड़ को लोन देती है जो बाद में उसे माफ कर देती है.

कांग्रेस का समर्थन करने वालों से मेरा सवाल… – स्मृति ईरानी

स्मृति ने आगे कहा कि आज मेरा सवाल है उन लोगों से जिन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया, कांग्रेस पार्टी के लिए डोनेशन दिया ताकि लोकतांत्रिक गतिविधियों में वो हिस्सा ले सके. क्या ऐसे डोनर्स की ये मंशा थी कि उनका पैसा कांग्रेस पार्टी उस कंपनी को समर्पित कर दें जिसका मालिकाना हक गांधी खानदान हो. साल 2016 में यंग इंडिया ने इस बात को स्वीकारा कि 6 साल के अवधि में चैरिटी के लिए कोई काम नहीं किया.

गांधी खानदान की 2000 करोड़ की संपत्ति को बचाने का प्रयास- स्मृति ईरानी

उन्होंने कहा कि, इन लोगों से एक सवाल और करना चाहती हूं, आपको अगर राहुल गांधी मिले तो उनसे पूछिएगा कि उनका संबंध डेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के साथ क्या है? उन्होंने कहा कि आज जो कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता राहुल गांधी के कहने पर कर रहे हैं ये लोकतंत्र को बचाने का प्रयास नहीं है. ये गांधी खानदान की 2000 करोड़ की संपत्ति को बचाने का प्रयास है.

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Author: CG FIRST NEWS

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