राष्ट्रपति चुनाव में क्या है वोट वैल्यू? जानिए इस बार क्यों घट जाएगा सांसदों के मत का मूल्य

राष्ट्रपति चुनाव में क्या है वोट वैल्यू? जानिए इस बार क्यों घट जाएगा सांसदों के मत का मूल्य

India Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा जोर शोर से हो रही है. मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान कराया जाएगा. वहीं, राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) को लेकर 15 जून को अधिसूचना जारी की जाएगी. नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून है. 21 जुलाई को मतगणना होगी, जिसके बाद साफ हो जाएगा कि देश के अगले राष्ट्रपति कौन होंगे. इस बार के चुनाव हर सांसद के वोट का मूल्य (Vote Value) 708 से घटकर 700 रह जाएगा.

देश के महामहिम का चुनाव गोपनीय तरीके से कराया जाता है. यानी कि निर्वाचक अपना वोट किसी को भी दिखा नहीं सकता है. अगर निर्वाचक अपना वोट किसी को दिखाते हैं तो उनका वोट रद्द कर दिया जाता है. कोई ऐसा करता है तो उसका वोट रद्द हो जाता है. राष्ट्रपति चुनाव में बैलेट पेपर का ही इस्तेमाल किया जाता है.

राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है. इस चुनाव में आम जनता वोट नहीं करती है. राष्ट्रपति के चुनाव में राज्यसभा के निर्वाचित सांसद, लोकसभा के निर्वाचित सदस्य और विधायक इसमें वोट डालते हैं. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आज की रिपोर्ट में हम वोट वैल्यू को लेकर बात करते हैं. आज जानते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में वोट वैल्यू क्या है और इस बार सांसदों के वोट की वैल्यू क्यों कम हो जाएगी.

राष्ट्रपति चुनाव में वोट वैल्यू क्या है?

राष्ट्रपति चुनाव में सदस्य के वोटों के मूल्य के बारे में संविधान के अनुच्छेद 55 में जिक्र है. इसकी वैल्यू कैसे तय की जाती है इस बारे में भी बताया गया है. उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में एक MLA के पास सबसे ज्यादा 208 वोट वैल्यू है. यहां सभी 403 विधायकों के वोटों का कुल मूल्य 83824 है. ठीक इसी तरह से सिक्किम में एक विधायक के पास सबसे कम 7 वोट वैल्यू है यानी यहां के कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 224 है. देश में जितने भी निर्वाचित विधायक हैं उनके वोटों का जो मूल्य आता है उसे लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की कुल संख्या से डिवाइड किया जाता है. यही एक सांसद के वोट का मूल्य होता है.

कैसे निकालते हैं विधायकों के वोट की वैल्यू ?

देश में किसी प्रदेश के MLA के पास कितने मत हैं इसके लिए हम उस राज्य की जनसंख्या को वहां की विधानसभा सदस्यों की संख्या से डिवाइड करते हैं. इसके बाद जो नंबर आता है उसे फिर 1000 से डिवाइड किया जाता है. इसके बाद जो अंक प्राप्त होता है उससे ही प्रदेश के एक विधायक के वोट का अनुपात निकलता है. जैसे उत्तर प्रदेश में यूपी में एक विधायक के पास सबसे ज्यादा 208 वोट होते हैं. सभी 403 विधायकों के वोटों की कुल वैल्यू 83824 होती है. ठीक ऐसे ही दूसरे राज्यों के वोट की वैल्यू निकालते हैं.

सांसदों के वोट की वैल्यू

देश के सभी विधायकों के वोटों का जो वैल्यू है उसे लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की कुल संख्या से डिवाइड कर दिया जाता है. इसके बाद जो अंक प्राप्त होता है वही एक MP के वोट का मूल्य होता है. अगर डिवाइड करने पर शेष 0.5 से ज्यादा बचता हो तो वेटेज में एक अंक का इजाफा होता है. यानी एक सांसद के वोट की वैल्यू 708 होती है. यानी राज्यसभा और लोकसभा के कुल 776 सांसदों के वोटों की संख्या 549408 है.

इस बार क्यों कम होगी सांसदों के वोट की वैल्यू?

साल 1997 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद से संसद सदस्य के वोट का मूल्य 708 निर्धारित किया गया है लेकिन इस बार राष्ट्रपति चुनाव 2022 (Presidential Election 2022) में हर सांसद (MP) के वोट का मूल्य (Vote Value) 708 से घटकर 700 रह जाएगा. जिसकी वजह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का नहीं होना है. राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के मत का मूल्य दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर समेत दूसरे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के लिए निर्वाचित मेंबर की संख्या पर आधारित होता है. जम्मू-कश्मीर में अब तक विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं. ऐसे में जम्मू-कश्मीर के विधायकों के वोट का मूल्य निर्धारित नहीं हो सकेगा और सांसदों की वोट वैल्यू कम हो जाएगी.

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Author: CG FIRST NEWS

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