सीएम भूपेश बघेल ने की खनिज विभाग कार्यों की समीक्षा:प्रदेश में अब हीरा, सोना-चांदी तलाशेगा प्राइवेट सेक्टर, सरकार ने दी हरी झंडी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हीरा, सोना, चांदी, तांबा, टंगस्टन, बेसमेटल, निकिल, पीजीई मिनरल्स, बॉक्साइट और लौह अयस्क के नए क्षेत्रों की खोज के लिए तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त कम्पनियों केे सहयोग से करने के प्रस्ताव को सहमति प्रदान कर दी है। सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में स्थापित किए गए गौठानों की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने में डीएमएफ फंड की राशि का उपयोग किया जाए।

सोमवार को खनिज विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान यह निर्णय लिया गया। तय हुआ है कि चारागाह के विकास, गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटरों के लिए शेड निर्माण सहित बस्तर अंचल में देवगुड़ी और घोटुल निर्माण से लेकर हाट बाजार क्लिनिक योजना के लिए वाहनों की व्यवस्था करने में भी इस मद का उपयोग किया जा सकेगा। हाल ही में सीएम ने जिलों में जो घोषणाएं की हैं उन पर अमल भी डीएमएफ की राशि से होगा।

रेत की रॉयल्टी दी जाएगी ग्राम पंचायतों को
वर्ष 2020-21 में डीएमएफ मद में 1464 करोड़ 53 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं। इसमें से मई तक 251 करोड़ रुपए मिले। डीएमएफ से 7009 करोड़ रुपए की लागत के 51951 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इन कार्यों में अब तक 4766 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सीएम ने बैठक में कहा कि गौण खनिज रेत से प्राप्त रायल्टी का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों को जल्द किया जाए। मार्च 2020 की स्थिति में ग्राम पंचायतों को 19.20 करोड़ दिए जाएंगे। अफसरों ने बताया कि वर्ष 2020-21 में राज्य को 5517 करोड़ रुपए का खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है।

293 खदानों की नीलामी हुई

अफसरों ने बताया कि राज्य में ई-नीलामी के माध्यम से निम्न श्रेणी चूना पत्थर, डोलोमाईट, क्वार्ट्ज, साधारण पत्थर, फर्शी पत्थर, ईंट-मिट्टी और ग्रेनाइट कीे 293 खदानों की नीलामी की गई है। इनमें से 192 खदानें संचालित हैं। नवीन रेत नीति के बाद प्रदेश में 362 रेत खदानों की नीलामी की गई, जिनमें से 256 खदानें संचालित है। 2020-21 में रेत की रायल्टी से 17.77 करोड़, नीलामी राशि के रूप में 17. 76 करोड़ प्राप्त हुए हैं।
52 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य में खरीदी

सरकार अब 52 लघु वनोपजों का समर्थन मूल्य में खरीदी कर रही है। लघु वनोपजों की संख्या तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से 13 लाख संग्राहकों को प्रतिवर्ष 502 करोड़ की अतिरिक्त आय हो रही है। राज्य में वनोपजों का क्रय के लिए 3500 महिला समूह सक्रिय हैं। जबकि इमली के ही प्राथमिक प्रसंस्करण में 21582 हितग्राहियों को 2.69 करोड़ का मुनाफा हुआ है। 2020-21 में 7.50 करोड़ के 111 प्रकार के हर्बल उत्पाद तैयार किए गए हैं।

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Author: CG FIRST NEWS

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