रिपोर्ट -खिलेश साहू
1मई मजदूर दिवस को छत्तीसगढ़ में मनाया गया बासी त्यौहार उत्सव
कुरुद :छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की कला, संस्कृति, आहार के संरक्षण और संवर्धन को लेकर जो कुछ भी कर रहे हैं उसका सीधा और साकारात्मक प्रभाव ठेठ छत्तीसगढ़ियों में साफ-साफ दिखाई दे रहा है. स्थानीयता की रंगत लिए हुए छत्तीसगढ़ के अनेक त्योहारों को पूरी आत्मीयता के साथ मनाकर मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी की शहरी संस्कृति को सीधे तौर पर चुनौती दे डाली है. उक्त बातें छत्तीसगढ़ कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ प्रदेश उपाध्यक्षअधिवक्ता रमेश पांडेय ने कही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की कार्यशैली से सर्वाधिक परेशानी भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं को हो रही हैं जो मूल रुप से छत्तीसगढ़ के नहीं है. सूबे की सत्ता में लंबे समय तक काबिज रहे भाजपा के नेता गत साढ़े तीन सालों से संस्कृति संवाहक भूपेश बघेल की काट ढूंढने में ही लगे हुए हैं, लेकिन कोई काट नहीं मिलते देखकर वे भी अब ऐती-ओती चारों कोती जय छत्तीसगढ़-जय छत्तीसगढ़ करने लगे हैं.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक मई को मजदूर दिवस के मौके पर देश-दुनिया में बसे छत्तीसगढ़ के लोगों को, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और युवा पीढ़ी से बोरे बासी खाने का अनुरोध किया है. उनके इस अनुरोध के बाद यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या भाजपा के नेता बोरे-बासी खाकर अपने छत्तीसगढ़िया होने का परिचय देंगे ? हर रोज सुबह नाश्ते में काजू-कतली का सेवन करने वाले नेता क्या बोरे बासी खाना पंसद करेंगे ? मुख्यमंत्री ने बोरे-बासी खाने वाले सभी लोगों से सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों में फोटो शेयर करने और श्रम दिवस को गौरव का दिवस मनाने की अपील भी की है. मुख्यमंत्री की इस अपील से आम छत्तीसगढ़िया खुश हैं,
क्या है बोरे बासी
बोरे-बासी छत्तीसगढ़ का ऐसा भोजन है जो बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर रात भर रख कर बनाया जाता है. फिर सुबह उसमें हल्का नमक डालकर टमाटर की चटनी या अचार और कच्चे प्याज के साथ खाया जाता है. छत्तीसगढ़ के लोग प्रायः सुबह बासी का ही नाश्ता करते है
पांडेय ने कहा कि
मुख्यमंत्री की अपील पर छत्तीसगढ़ होटल एवं रेस्टोरेन्ट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बधाई दी है. एसोसिएशन ने कहा है कि एक मई मजदूर दिवस पर हमारे संस्थान में कार्यरत कर्मचारी जिनकी मेहनत एवं कर्तव्य निष्ठा से हमारे व्यापार को मजबूती मिलती है उनके सम्मान और उनके परिजनों व साथियों के लिए हम बोरे बासी व्यंजन की व्यवस्था करने जा रहे हैं. आपने स्थानीय खान पान को छत्तीसगढ़िया सम्मान के साथ जोड़कर हमारी संस्कृति, विरासत और परंपरा को संजोने का जबरदस्त काम किया है. इस अवसर पर सामूहिक रूप से अब्दुल कलाम गार्डन में मजदूर साथियो के साथ बासी खाकरमजदूर दिवस मनाया गया भूपेश बघेल जी ने कहा है कि हर श्रमिक, किसान और काम करने वाली बहनों के पसीने में बासी की महक है. यह वास्तव में आपकी संवेदना और आपके मन में श्रमिकों के सम्मान को दर्शाता है। इसके लिए हम आपके हृदय से आभारी है.
इस अवसर पर पांडेय ने छत्तीसगढ़ की खान पान की परंपरा को सहेजने और उसकी महत्ता को आम जनों तक पहुचाने की छत्तीसढ़िया मुख्यमंत्री का प्रसंसा कर आभार व्यक्त किया है l
Author: CG FIRST NEWS
CG FIRST NEWS