CG NEWS : 38वां नेत्रदान पखवाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरर में मनाया गया

संवाददाता – अशोक जैन

कांकेर :- जिले के कोरर में, राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कर्यक्रम के अंतर्गत प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 अगस्त से 8 सितंबर तक पखवाड़ा मनाया जा रहा है ,सहायक नोडल अधिकारी एम के केसरी के निर्देशानुसार 38वां पखवाड़ा में पूरे कांकेर जिले में नेत्रदान हेतु जागरूकता कार्यक्रम प्रत्येक पीएचसी स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम किये जाने के निर्देश हैं।
इसी तारतम्य में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरर में जागरूकता कार्यक्रम कर लोगों को नेत्रदान जैसे पुनीत कार्य हेतु नेत्र सहायक अधिकारी अशोक यादव द्वारा जानकारी दे कर प्रेरित किया गया। जिसमें यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि नेत्रदान कोई भी कर है महिला या पुरुष इसके लिए पूर्व से नेत्रदान घोषणा पत्र भरने की बाध्यता नहीं है। नेत्रदान में व्यक्ति केवल अपनी मृत्यु पश्चात ही नेत्रदान कर सकता है। एक नेत्रदान से दो कॉर्नियल ब्लाइंडनेस व्यक्ति लाभान्वित होते हैं। कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी उम्र, जाति, लिंग, रक्त समूह और धर्म का हो, वह अपनी आँखें दान कर सकता है। नेत्रदान में नेत्र मृत्यु के छः घंटे के भीतर प्राप्त किया जाता है। नेत्रदान पश्चात चेहरे पर कोई निशान या विकृति नहीं होती है। दान किये गए आँख को खरीदा या बेचा नहीं जाता है। नेत्रदान व कॉर्निया प्रत्यारोपण की जानकारी गुप्त रखी जाती है। चश्मा पहनने वाले या मोतियाबिंद ऑपरेशन कराए हुए व्यक्ति भी नेत्रदान कर सकता है।
किसका नेत्र दान में नहीं लिया जाता? यदि नेत्रदाता की मृत्यु गंभीर बीमारी जैसे एड्स, पीलिया, कर्करोग(कैंसर), रेबीज़, सेप्टीसीमिया, सिफलिस,टिटनेश, सर्प दंश से हुई हो या जलने, डूबने या फाँसी जैसे नेत्रदाता का नेत्र नेत्रादान हेतु अयोग्य समझे जाते हैं।
नेत्रदान हेतु इच्छुक व्यक्ति क्या करें- अपने चिकित्सक से मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें। मृत्यु पश्चात निकट के रिश्तेदार या वारिश अतिशीघ्र अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या नेत्र सहायक अधिकारी या चिकित्सक या जिला अस्पताल में संपर्क करें। मृत व्यक्ति के सिर पर तकिया लगा देवें और साफ कपड़े से दोनों नेत्रों के पलक को बंद कर गीला पट्टी लगा देवें। यदि पंखे चल रहे हों तो उसे बंद कर देवें।
नेत्र सहायक अधिकारी अशोक यादव ने बताया कि सेक्टर कोरर के अंतर्गत उनके द्वारा 2012 से अब तक 4 नेत्र दान करवाया गया है जिसमे सेलेगांव के बृजलाल जैन व भागबति जैन और कोरर से उनकी दादी जंजीरा यादव और अभी हाल ही में 13 अगस्त को अपने पिता परदेशी राम यादव का निधन पश्चात नेत्रदान किया गया है । यादव ने कहते हैं कि यादव परिवार ने अपने पूरे का नेत्र दान करने का संकल्प लिया है और पूरे समाज को नेत्र दान हेतु जागरूक करने का प्रयास किया है। वे कहते हैं कि जीते जी रक्त दान-मरणोपरांत नेत्रदान।
देश में करीब 15 लाख व्यक्ति कॉर्नियल ब्लाइंडनेस (आँख के पुतली की सफेदी) के कारण दृष्टिहीन हैं, उन्हें सिर्फ नेत्रदान द्वारा रोशनी प्रदान की जा सकती है, जिन्हें आप उन्हें मृत्यु पश्चात नेत्रदान कर बचा सकते हैं। हमारे प्रदेश में करीब 12 हजार लोग कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के शिकार हैं यह मुख्यतः बच्चे एवं युवाओं में होता है। इस लिए सभी को नेत्रदान जैसे पुनीत कार्य में सहभागी बनना चाहिए।
कोरर में नेत्रदान पखवाड़ा मनाने में डॉ हेमंत चंद्राकर आयुष चिकित्सा अधिकारी, गजेंद्र सिन्हा ग्रामीण चिकित्सा सहायक, लीलेश्वर जैन एम एल टी, धामिनी ठाकुर, प्रतिमा कलामें,धनबोध निषाद, राजेन्द्र यादव, तिलक धनकर, सीमा साहू, हरीश गोटा, क्रांति ठाकुर आदि स्टॉफ और आम जनता बहुत संख्या में शामिल हो कर इस कार्यक्रम को सफल बनायें।

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Author: CG FIRST NEWS

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