नई दिल्ली: बुधवार शाम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सर्विस करीब ढाई घंटे के लिए डाउन रही, जिससे देशभर में लाखों यूजर्स को Google Pay, PhonePe और Paytm जैसी डिजिटल पेमेंट ऐप्स से लेनदेन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इस तकनीकी गड़बड़ी का असर सिर्फ पेमेंट ऐप्स तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि SBI, HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और ICICI बैंक समेत 10 से ज्यादा बैंकों की UPI और नेट बैंकिंग सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
कब और कैसे आई ये समस्या?
डाउनडिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, शाम 7 बजे से रात 9:30 बजे तक UPI लेनदेन में सबसे ज्यादा दिक्कतें आईं। इस दौरान 23,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं।
🔴 UPI सर्विस के ठप होने से:
✅ 82% लोगों को पेमेंट करने में समस्या आई।
✅ 14% को फंड ट्रांसफर में दिक्कत हुई।
✅ 5% यूजर्स को ऐप एक्सेस करने में परेशानी हुई।
NPCI का बयान: सिस्टम अब स्टेबल
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“यूजर्स को अस्थायी तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिससे UPI में आंशिक रूप से रुकावट आई। हालांकि अब समस्या को दूर कर लिया गया है और सिस्टम पूरी तरह से स्थिर हो गया है।”
फोनपे 2 घंटे बाद हुई चालू, कई बैंकों में अब भी समस्या
✔ PhonePe की सेवाएं करीब 2 घंटे बाद बहाल हो गईं।
✔ हालांकि, कुछ यूजर्स को अब भी लेनदेन में दिक्कतें आ रही थीं।
✔ बैंकों की नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवाएं भी देर से सामान्य हुईं।
UPI डाउन होने के पीछे का कारण अब तक स्पष्ट नहीं
तकनीकी गड़बड़ी के पीछे की सटीक वजह अभी सामने नहीं आई है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह सर्वर ओवरलोड या किसी तकनीकी अपडेट की वजह से हो सकता है।
UPI के भारत में पेमेंट इकोसिस्टम की रीढ़ बनने के कारण इस तरह की समस्या लाखों यूजर्स और बिजनेस को प्रभावित कर सकती है।
भविष्य में समाधान के लिए जरूरी कदम
💡 NPCI और बैंकों को ऐसे डाउनटाइम की संभावनाओं को कम करने के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और बैकअप प्लान तैयार करने की जरूरत है।
💡 यूजर्स को डिजिटल ट्रांजैक्शन के अलावा कैश और कार्ड पेमेंट के विकल्प भी खुले रखने चाहिए।
निष्कर्ष:
इस घटना ने एक बार फिर भारत की डिजिटल पेमेंट सिस्टम की निर्भरता और उसकी कमजोरियों को उजागर किया है। NPCI और संबंधित बैंकों के लिए यह एक संकेत है कि वे अपने सिस्टम को और अधिक मजबूत करें ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानियों से बचा जा सके।
Live Cricket Info