जिला ब्यूरो :- फिलिप चाको
एक ओर जहाँ पूरा बालोद शहर एन. एच.930के चौड़ीकरण कि समस्या को लेकर जुंझ रहा है वही दूसरी ओर इस हाईवे से लगे ढाबो में रोज छलकते जामो का दौर जारी है,पुरूर होते हुये बालोद शहर को मध्य से चीरने वाली इस हाईवे में गुरुर के आस पास इन दिनों ढाबो कि बाढ़ सी लग रही है, गुरुर थाने से लगे इन ढाबो में आये दिन खुले आम छलकते जाम (शराब )का माहौल अब आम बात सी हो चली है, पर सोच का विषय ये है कि इन ढाबो को आखिर इस तरह कानून से बे खौफ होकर कानून तोड़ने का अधिकार मिला कैसे क्या प्रशासन इस पुरी जानकारी से अनभिज्ञ है जिस बात कि जानकारी पूरे गली मोहल्लो को पता है,

और पूरे शहर में चर्चा है कि सर्व सुविधायुक्त इन ढाबो में इन्के संचालको द्वारा बिना रोक टोक शराब सेवन कि अनुमति प्रदान कर देते है, वही मनचाहे ब्रांड कि सुविधा भी तत्काल उपलब्ध करवा देते है, क्यूंकि ऊपर से लेकर निचे तक इनकी तूती बोलती है, तभी तो आबकारी विभाग कि गाड़िया भी हर महीने इन ढाबो के चक्कर लगाने के बाद भी किसी भी तरह कि कोई अवैध गतिविधि नहीं पाते जो जनता को तो दिखता है पर प्रशासन और आबकारी विभाग को नहीं दिखती !

जनता है आखिर सब कुछ जानती है फिर भी सोचने पर मजबूर है कि ये रिश्ता क्या कहलाता है, एक ओर जहाँ यातायात विभाग लोगो से आग्रह करता है कि बिना शराब पिए वाहन चलाये वही दूसरे तरफ इन ढाबो में आसानी से परोसे जाने वाले शराब से वाहन चालकों के सेवन और पीकर वाहन चलाने से दुर्घटना कि संख्या बढ़ती जा रही है,

आखिर इन अवैध चखना सेंटरों कि तादाद दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है, कही ये कोई नई योजना तो नहीं बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने कि, खैर योजना चाहे जो भी हो पर थाना क्षेत्र से महज कुछ ही दूरी पे इन ठिकानो पर अब बेख़ौफ़ और खुले आम जामो के छलकने का दौर जारी है,ना जाने इन पर किस कि कृपा है जो अब कानून का खौफ भी इन्हे नहीं सता रहा अब भला “सईया भै कोतवाल तो डर काहे का” !
