मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम में जनसम्पर्क विभाग कि व्यवस्था निकली उची दुकान फीका पकवान पत्रकारों के साथ ये कैसा व्यवहार

जिला ब्यूरो :-फिलिप चाको

_हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है…
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जनसंपर्क विभाग की महिमा निराली

▶️ नाश्ते का डिब्बा बडा पर नाश्ता छोटा

▶️ सीएम सचिवालय का ध्यान जरुरी

राजनांदगांव । जनसंपर्क विभाग राजनांदगांव की महिमा निराली है। यहां पदस्थ अधिकारी व कर्मचारियों की कार्य प्रणाली को लेकर कई गंभीर सवाल उठते रहे हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को प्रशासन द्वारा सामान्य ढंग से लेने से ऐसी गलतियाँ बार – बार होती रही हैं।असली व नकली पत्रकारों सहित पत्रकारों की उपेक्षा जनसम्पर्क विभाग राजनांदगांव कार्यालय की आदत में शुमार है। पिछली गलतियों से सबक लेते हुए जनसंपर्क अधिकारी ने इस बार व्यवस्था सुधारने के लिये पहल की और बस की जगह अन्य चारपहिया वाहन की व्यवस्था की, परन्तु इसकी सूचना देना पत्रकारो को जरुरी नही समझा । गुपचुप रुप से गाडी बुलवा गयी, परन्तु इसकी जानकारी देना पत्रकारो को पीआरओ ने जरुरी नही समझा। इसके चलते बहुत से पत्रकार सीएम की भेट मुलाकात में कवरेज के लिये शिरकत नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री की भेंट मुलाकात के लिए एलबी नगर और अर्जुनी के लिए जनसंपर्क विभाग द्वारा चार पांच गाड़ियां लगाई गई थी, परंतु जनसंपर्क अधिकारी ने अपने ग्रुप तथा पत्रकारों को मोबाईल से इस बाबत कोई सूचना नहीं दी गयी।इसके चलते बहुत से पत्रकार को स्वयं के वाहनों से मुख्यमंत्री का कार्यक्रम का कवरेज करने के लिए जाना पड़ा। पत्रकारो के लिये जनसंपर्क विभाग द्वारा पंजाब स्वीटस अनुपम नगर से नाश्ते का एक डिब्बा तैयार किया गया था। नाश्ते का यह पैकेट दिखने मे तो बडा था, परन्तु अन्दर में असल नाश्ता ही नदारद था। इस डिब्बे में हल्दीराम का छोटा ₹5 वाला एक पैकेट, एक बिस्किट, छह चिप्स एक कचोरी थी। मिठाई का भी कहीं अता पता नहीं था।
जनसंपर्क विभाग के सूत्रों के अनुसार डेढ़ सौ डिब्बे पत्रकारों को बांटने के लिए रखे गए थे, परंतु यह डिब्बे कितने लोगों को बंटा, यह पता नहीं चल पाया है। पीने के पानी के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था भी जनसम्पर्क विभाग ने नहीं की थी। एक बोरी में एक्सपायरी डेट वाला पानी पाऊच बांटा गया, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस पानी पाउच में ना तो मैन्युफैक्चरिंग डेट है ना ही एक्सपायरी डेट है। इस प्रकार यह पाउच अपने आप में खतरनाक है। इस पानी को पीने के बाद भेंट मुलाकात में कुछ पत्रकारों में असहज स्थिति रही। कुछ पेट दर्द की शिकायत भी करते देखे गये।अब देखना है कि कल मुख्यमंत्री के डोगरगांव वाले रेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता के लिए जनसंपर्क विभाग कितनी बेहतर व्यवस्था करता है। इसको लेकर पत्रकारो के बीच चर्चा है। यह भी पता चला है कि नाश्ते का भारी-भरकम बिन बनाया जा रहा है और मुफ्त पानी पाऊच की भी बिल खरीदी में दर्शाने की खबर मिल रही है। यह भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात के समारोह के लिये जनसम्पर्क विभाग की अव्यवस्था को लेकर उच्च अधिकारी गंभीर नही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो जनसम्पर्क मन्त्री भी है। इस बात को कितनी गंभीरता से लेते हैं और इन सब बातों को लेकर क्या कार्रवाई होती है। इसको लेकर पत्रकारों के बीच उत्सुकता है।

philip chacko

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