कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र पर साधा निशाना
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्विटर पर लिखा कि मोदी सरकार को संपत्तियों को बेचने की अपनी योजना को तत्काल प्रभाव से बंद करना चाहिए. सरकार का राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने का फैसला राष्ट्र विरोधी है.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) की आलोचना करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर देश की संपत्तियों को बेचने का आरोप लगाया. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी है तो देश की प्रॉपर्टी नहीं बचेगी. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 6 लाख करोड़ रुपए के NMP की घोषणा की, इसके तहत रेलवे, बिजली से लेकर सड़क जैसे अलग अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में विनिवेश कर पैसे जुटाने का लक्ष्य है.
रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर आरोप लगाते हुए लिखा, “6,00,0000 करोड़ रुपए की देश की सम्पति की सेल- सड़क, रेल, खदान, टेलिकॉम, बिजली, गैस, एयरपोर्ट, बंदरगाह, खेल स्टेडियम… यानी मोदी जी…आसमान, जमीन और पाताल सब बेच डालेंगे. भाजपा है तो देश की प्रॉपर्टी नहीं बचेगी. #StopSellingIndia.”
वहीं कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई ट्वीट किए गए. जिसमें लिखा गया है, “मोदी सरकार के निशाने पर देश का विकास नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संपत्तियां हैं. जिनको बेचकर वो खजाना भरने में लगी हुई है! मोदी सरकार निर्माण में नहीं, बेचने में विश्वास रखती है, सरकार की यह नीति देश के लिए हानिकारक साबित होगी.”
एक और ट्वीट में कांग्रेस के हैंडल से लिखा गया, “मोदी सरकार देश की राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचकर सार्वजनिक क्षेत्र में मिलने वाले रोजगार पर भी प्रहार कर रही है और राष्ट्र को सार्वजनिक क्षेत्र से प्राप्त होने वाले राजस्व पर भी. सरकार को संपत्तियों को बेचने की अपनी योजना को तत्काल प्रभाव से बंद करना चाहिए. सरकार का राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने का फैसला राष्ट्र विरोधी है.”
संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास बना रहेगा- सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि संपत्तियों के मौद्रिकरण में जमीन की बिक्री शामिल नहीं है और इसमें मौजूदा संपत्तियों (ब्राउनफील्ड संपत्तियों) के मौद्रिकरण से संबंधित है. मौद्रिकरण के लिए सड़क, रेल और विद्युत जैसे शीर्ष क्षेत्रों सहित अलग-अलग क्षेत्रों में परियोजनाओं की पहचान की गई है.
वित्त मंत्री ने कहा, “एनएमपी के तहत वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों के माध्यम से छह लाख करोड़ रुपए की कुल मौद्रिकरण संभावनाओं का अनुमान लगाया गया है. संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास बना रहेगा और उनका नियंत्रण वापस करना अनिवार्य होगा.”
केंद्रीय बजट 2021-22 में बुनियादी ढांचे के टिकाऊ वित्तपोषण के एक प्रमुख साधन के रूप में परिचालनगत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की संपत्तियों के मौद्रिकरण की पहचान की गई थी. वित्त मंत्री ने कहा कि संपत्तियों के मौद्रिकरण से संसाधनों का दोहन होगा और उनके बेहतर मूल्य की स्थिति में लाया जा सकेगा.
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Author: CG FIRST NEWS
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