
बस्तर -बस्तर जिले की बस्तर नगर पंचायत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों डॉक्टर एवं स्टाफ नर्स की मनमानी देखने को मिल रही है जहां मरीजों को टाइम में आने का हिदायत दी जाती है और तो और मरीज कितना भी परेशानी में क्यों न हो उसे बाहर बैठकर चार बजे तक ओ पी डि खुलने का इंतजार करना पड़ता है।दूसरी बात और कि जहाँ पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश में निःशुल्क स्वास्थ्य चिक्तिसा का बढ़िया सहुलियत आम जनता को दे रखा है मगर हाल ये बस्तर अस्पताल का ये है कि यहां की स्टाफ नर्स निःशुल्क पर्ची के स्थान पर 10 रुपये इमरजेंसी टाइम के लिए लेती है आलम यह है कि मरीजों के साथ चंद बातों में बहस बाजी की ओर उतारू हो जाना इनकी फ़ितरत में शामिल है जो कि अस्पताल की आदर्श से परे है। मौजूद मुख्य चिकित्साधिकारी के सरल स्वभाव और मिलनसार व्यहार से स्वास्थ्य लाभ लेने वाले मरीज संतुष्ट नजर आते हैं जिनका कार्यकाल बहुत अच्छी है। किंतु अगर हम कुछ स्टाफ व डॉक्टर की बात करें तो इनकी व्यवहार में भारी भरकम उतेजना प्रतीत होता है वे ये कहने से नहीं चूकते की जिसको बात करना है करलो हमारा कोई क्या बिगाड़ लेगा।बस्तर अस्पताल काफी पुराने समय से विश्वनीय होने के वास्ते यहां बड़ी उम्मीद के साथ दूरदराज से मरीज आते हैं मगर यहां की स्थिति तो वही जानता है जो बड़ी आशा और उम्मीद लेकर इलाज के लिए आता है।
