ब्यूरो चीफ – मुकेश जैन
इस सड़क की दशा ऐसी रही तो विकास का दावा करना खोखला साबित होगा,जी हम बात कर रहे हैं कांकेर जिले के चारामा विकासखंड की आदर्श ग्राम तारस गांव की जहां पर नेशनल.30 मार्ग से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर बसा है, आदर्श ग्राम तारस गांव अपनी सुंदरता के लिए तरस रही है,,, तारस गांव से साहावाड़ा पर करोड़ों रुपए की चमचमाती हुई सेतु का निर्माण किया गया,
पर लोगों के चलने के लिए अच्छे मार्ग केवल सपना बनकर रह गया है ,पीडब्ल्यूडी विभागीय अधिकारी व ठेकेदार की मनमानी के चलते यह करोड़ों रुपए की पक्की मार्ग महज 6 माह में ही डामर गायब हो गया, और मार्ग जो ,बड़े-बड़े गड्ढे में तब्दील हो गया क्षेत्र के ग्रामीण इसी मार्ग से जिला व ब्लाक मुख्यालय अपने निजी कार्य के लिए आवागमन करते हैं, खस्ताहाल मार्ग पर आए दिन ग्रामीण दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं, खासकर बरसात के दिनों में ज्यादा ही पढ़ने वाले बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है जी आपको बता दें कि पूर्व विधायक मनोज मंडावी का यहां आदर्श ग्राम तारस गांव गोद ग्राम के नाम से जाना जाता था ,जो विकास कार्यों की बखान होती थी, परअब यहां ग्राम पंचायत तारस गांव विकास से कोसों दूर, विकास नजर नही आ रही है, मूलभूत सुविधाओं के लिए इन ग्रामीणों को तरसना पड़ रहा है,, कब मिलेगी पक्की मार्ग
अब वक्त ही बताएगी इन ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं कब मिलेगी
Author: CG FIRST NEWS
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