छत्तीसगढ़ में CGPSC में घोटाले के आरोप को लेकर प्रदेश में युवाओं के बीच आक्रोश है. अब ऐसे में जहां यह मामला न्यायलय के सामने आचुका है. तो इसको लेकर अब कई अधिकरियों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है. न्यायालय के निर्णय पर बोले अरुण साव ने कहा की
सीजीपीएससी में चयन को लेकर लगाई गई याचिका की सुनवाई उच्च न्यायालय के समक्ष की गई। महाधिवक्ता कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार जिसमें राज्य सरकार के द्वारा न्यायालय के समक्ष यह वक्तव्य दिया गया कि हम उक्त प्रकरण की स्वयं जांच कर न्यायालय के समक्ष जवाब पेश करेंगे.
जब तक मामले के अगली सुनवाई नहीं हो जाती तब तक इस विषय को बढ़ावा न देकर जिन व्यक्तियों पर आक्षेप लगा है और उनकी नियुक्ति नहीं हुई है, उसको आगे अंतिम रूप नहीं दिया जायेगा। जिनकी नियुक्तियाँ हो चुकी है वह यथा स्थिति न्यायालय के आदेश के अधीन रहेगी।
न्यायालय ने उक्त वक्तव्य को रिकार्ड पर लेते हुए याचिका की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद रखी है एवं राज्य सरकार तथा पीएससी को निर्देशित किया है कि वे जो सूचीं याचिकाकर्ता के द्वारा पेश की गई है उसके तथ्यों की सत्यता के संबंध में भी जांच कर ले। याचिकाकर्ता को निर्देशित किया गया है कि वह चयनित व्यक्तियों को पक्षकार बनाये और अपनी याचिका में निर्धारित संशोधन कर पेश करें। न्यायालय के द्वारा याचिकाकर्ता को भी सचेत किया गया है कि अगर याचिकाकर्ता की जानकारी गलत पाई गयी तो उसके विरुद्ध भी न्यायोचित कार्यवाही की जायेगी।
Author: CG FIRST NEWS
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