World Sight Day : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कोरर में मनाया गया “विश्व दृष्टि दिवस”

संवाददाता – अशोक जैन

कोरर :- राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों के नेत्र में देखने की क्षमता के संरक्षण एवं नेत्र सुरक्षा के उद्देश्य से माह अक्टूबर के द्वितीय गुरुवार को प्रत्येक वर्ष समूचे विश्व में जनजागरूकता के लिए विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है। इसी तारतम्य में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के आदेशानुसार जिला नोडल अधिकारी और खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ अखिलेश ध्रुव के मार्ग दर्शन में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अंजलि नरेटी, आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ हेमंत चंद्राकर, नेत्र सहायक अधिकारी अशोक यादव की उपस्थिति में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कोरर में विश्व दृष्टि दिवस मनाया गया।

नेत्र सुरक्षा के उपाय-


उपस्थित लोगों व मरीजों को नेत्र सुरक्षा के विषय मे जानकारी प्रदान करते हुए नेत्र सहायक अधिकारी अशोक यादव ने बताया कि दृष्टि है तो सृष्टि है इसलिए हम सबको अपनी आँखों का देखभाल करना चाहिए। नेत्र को चोट से बचाएं। बिना चिकित्सकीय सलाह के आँखों में कुछ भी बूँद की दवा न डालें। प्रत्येक छः माह में नेत्र विशेषज्ञ से अपनी आँखों का नियमित जाँच करावें। जिनको चश्मा लगा है वे प्रतिदिन चश्मा पहनें।
ड्राई आई सिंड्रोम से बचने के लिए लगातार देर तक कम्प्यूटर व टेबल वर्क करने वाले हर 20 मिनट में आँखों को 30 सेकेण्ड के लिए आराम दें, तनाव रहित नेत्र के लिए 8 घण्टे की पूरी नींद लें। सामान्यतः आँखों को दिन में 5 से 8 बार शीतल जल से अवश्य धोएँ। मधुमेह व उच्च रक्तचाप के रोगी अपने आँखों के पर्दे कि जाँच नेत्र विशेषज्ञ से वर्ष में एक बार अवश्य करवाएँ।आँखों के जलने/ झुलसने या अम्ल क्षार गिरने पर आँखों को तुरंत शीतल जल से धोएँ। कम रौशनी में लेट कर न पढ़ें। यदि आपको नजदीक या दूर की चीजें स्पष्ट न दिखाई देती हो तो अपनी नेत्रों का जाँच नजदीकी नेत्र रोग विशेषज्ञ या नेत्र सहायक अधिकारी से अवश्य करवाएँ। रतौंधी से बचने के लिए पिले फल व हरे पत्तेदार सब्जियाँ जैसे गाजर, कद्दू, मुनगा व दूध अंडा मच्छली आदि का सेवन आहार के रूप में अवश्य लें। शिशु को 09 माह से 05 वर्ष तक प्रत्येक छः माह में विटामिन ए की दवा अवश्य पिलवाएँ। इसके साथ साथ यदि आँखों में मोतियाबिंद हो तो जिला चिकित्सालय में जा कर इसका ऑपरेशन अवश्य करवाएँ। काला मोतिया से बचने के लिए 40 वर्ष पश्चचात अपनी नेत्रों का प्रत्येक वर्ष नेत्र रोग विशेषज्ञ से जाँच करवाएँ।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्रामीण चिकित्सा सहायक गजेंद्र सिन्हा, धनंजय साहू, स्टॉफ नर्स पूनम ठाकुर, सावित्री कोरेटी , धामिनी ठाकुर, प्रतिमा कलामें, राखी पाईक, एमएलटी लिलेश जैन, पीएडीए धनबोध निषाद, वार्ड ब्वॉय राजेन्द्र यादव, घनश्याम मार्गियाँ, चमेली सिन्हा, फार्मासिस्ट रूपेश नेताम, क्रांति ठाकुर, हरीश गोटा, निर्मल बाई हुर्रा, सांवली तेता, लक्ष्मी नेताम, कुंती बाई भास्कर, प्रमिला मंडावी, बिमला आदि का सहयोग रहा। उक्त जानकरी अशोक यादव नेत्र सहायक अधिकारी ने दी,

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Author: CG FIRST NEWS

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