CG NEWS : छत्तीसगढ किसान महासभा एवं मजदूर संगठन एक्ट ने तहसील कार्यालय खरोरा में प्रदर्शन कर तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा

संवाददाता – रोहित वर्मा

खरोरा :- आज छत्तीसगढ किसान महासभा एवं मजदूर संगठन एक्ट ने तहसील कार्यालय खरोरा में प्रदर्शन कर तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच द्वारा 16 फरवरी 2024 को संयुक्त रूप से राष्ट्रव्यापी हड़ताल और किसानों-मजदूरों तथा आम नागरिकों के लिए पिछले कई आन्दोलनों में उठाए गए मांगों के संबंध में भारत सरकार को लोकतांत्रिक ढंग से हल करने की हिदायत देने की मांग की है।
छत्तीसगढ किसान महासभा के संयोजक नरोत्तम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा पिछले अनेकों लोकतांत्रिक आन्दोलनों के माध्यम से जनता के विभिन्न मांगों को लेकर भारत सरकार के प्रधान मंत्री और कृषि मंत्री को ज्ञापन सौंपा है;परंतु सरकार अपने 2014 के चुनाव घोषणा पत्र में किए वादे स्वामीनाथन आयोग के सिफारिश अनुसार सी-2+50%न्यूनतम समर्थन मूल्य को ही लागू करने से आनाकानी कर रही है,जो किसानों की मुख्य मांग रही है।कोरोना काल में लाए तीन कृषि कानून को 13 माह तक किसान आंदोलन और 750 किसानों के शहादत के बाद रद्द करने के समय लिखित में दिए अपने आश्वासनों को दो साल बाद भी कोई कदम नहीं उठा रही है,उल्टे पिछले दरवाजे उन्हीं तीन काला कानून को लागू करने की कोशिश की जा रही है।सरकार का यह कॉर्पोरेट परस्ती और किसान विरोधी रुख कृषि संकट को और बढ़ा रहा है।इधर मजदूरों के तमाम अधिकारों को खत्म कर 4 श्रम कोड लागू कर रही सरकार मजदूरों को कॉर्पोरेट के लिए गुलाम बनाने की साजिश रच रही है।आज जब किसान दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं तब सरकार का किसानों के साथ दुश्मन सा सलूक करना काफी चिंतनीय तथा निंदनीय है।यहां हम यह भी स्पष्ट कर दे रहे हैं कि इस प्रदर्शन से संयुक्त किसान मोर्चा का कोई संबंध नहीं है,फिर भी संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा भी किसानों को प्रदर्शन करने का पूरा लोकतांत्रिक अधिकार है।सरकार को उनसे वार्ता कर सही हल निकालना चाहिए।हमारे अनेक आन्दोलनों के प्रति सरकार की उदासीन रवैये से हम खिन्न हैं और 16 फरवरी 2024 को राष्ट्रीय औद्योगिक हड़ताल और ग्रामीण भारत बंद के समर्थन में हम आप सब मिलकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में खेत मजदूर एवं ग्रामीण मजदूर सभा के डॉ खनझन रातरे ,ईश्वरी लहरि,श्याम लाल,धनेश वर्मा,हेम लाल,हरीश कुमार,फूलेशवरि सिन्हा,aicctu के बिसहत कुरे,दिलीप वर्मा,शिवा गेंडे,सामाजिक कार्यकर्ता मुन्ना नारंग,पेनड्रावन जलाशय बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक उधो वर्मा,सचिव घनश्याम वर्मा, बोधन धीवर विशेष रूप में मौजूद रहे हैं। राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में मुख्य रूप से भारत के सभी किसानों के सभी फसलों का बारहों महीने स्वामीनाथन आयोग के सिफारिश अनुसार c2+50% न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीद की क़ानूनी गारंटी करने,मजदूरों को कॉर्पोरेट गुलामी की तरफ धकेलने वाली 4 श्रम संहिता वापस लेने,किसानों की संपूर्ण कर्ज मुक्ति के लिए सारे कर्ज माफ करने,नौ दिसंबर 2021 को एतिहासिक किसान आंदोलन स्थगित करने पर किए गए लिखित आश्वासन पत्र में दिए आश्वासन जैसे आंदोलन के दौरान किसानों पर लगे आपराधिक मामलों को तुरंत वापस लेना, आंदोलन के दौरान मृतक किसानों को शाहिद का दर्जा देना, आंदोलन स्थल पर शाहिद स्मारक निर्माण के लिए जगह उपलब्ध कराना सहित सभी आश्वासनों को तुरंत लागू करने,बिजली विधेयक 2020 रद्द करने,प्री पैड या स्मार्ट मीटर नहीं लगाने,
मनरेगा का विस्तार कर 200 दिन काम और 600 रू रोज मजदूरी की गारंटी करने,छत्तीसगढ में हसदेव जंगल के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर तुरंत रोक लगाने और हसदेव क्षेत्र के सभी कोल ब्लाक आबंटन रद्द करने,
किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना का चौथे किस्त और कृषक उन्नति योजना की राशि 917 रू का किसानों को शीघ्र भुगतान करने,मातृ वंदन योजना में महिलाओं से बिना धोखा किए सभी विवाहित महिलाओं शामिल करने, रसोई गैस की कीमत 500/_ निर्धारित करने की मांग की गई है.

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Author: CG FIRST NEWS

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