कांकेर : जिले के ग्राम टंहाकापार व महानदी क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की समस्या के चलते ग्रामीण परेशान है। क्षेत्र के कई ग्रामों में पिछले लंबे समय से मोबाइल सिग्नल के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं। क्षेत्र के गांवों में मोबाइल सिग्नल के लिए जिओ (रिलायंस लिमिटेड) की ओर से कई गांवों में मोबाइल टावर लगाए गए थे, लेकिन यह दो वर्ष से बंद पड़े हैं। मोबाइल नेटवर्क एवं सिग्नल को लेकर गांव अरौद,भैसाकट्टा ,टंहाकापार ,कोटेला व महानदी क्षेत्र के ग्रामों में मोबाइल सिग्नल की समस्या बनी हुई है । सही मोबाइल सिग्नल के न मिलने के कारण यहां लोग अपने कई कार्य करने में परेशान हो रहे हैं। संचार तंत्र की सुविधाएं देने में रिलायंस लिमिटेड, भारत संचार निगम लिमिटेड व भारतीय एयरटेल लिमिटेड आदि कंपनियां इस क्षेत्र में असफल है।
ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित बच्चे एवं लोग : यहां आज भी मोबाइल का नेटवर्क नहीं आता है और किसी भी मोबाइल नेटवर्क कंपनी की नेटवर्क अच्छे से नहीं आने के कारण यहां के विद्यार्थी एवं लोग ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित हो रहे हैं।
डिजीटल इंडिया का सपना कैसे पूरा होगा : ग्रामीणों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि कई तरह की दिक्कतें आती हैं. एंबुलेंस को नेटवर्क नहीं होने के कारण सही समय पर सूचना नहीं दे पाते हैं. वहीं, पहाड़ी क्षेत्र होने के जंगली जानवरों के हमले जैसे घटनाएं भी होती है. इन घटनाओं के दौरान समय पर इलाज नहीं मिल पाता है. कोई भी हादसा होने पर इन गांव में रहने वाले लोगों को तुरंत मदद नहीं मिल पाती है. इसके अलावा लड़ाई – झगड़ा और अन्य कोई घटना होने पर गांव में पुलिस को सूचना देना अभी संभव नहीं हो पाता है. अब तो परेशानी इतनी है कि अब जहां नेटवर्क आता है, उस जगह को लोगों ने चिन्हित कर लिया है. वहां खड़े होकर ही अब ग्रामीण अपने रिश्तेदारों से बात करते हैं, ऐसे में लोगों का जीवन खासा परेशानी भरा रहता है.
इस पर ग्रामीणों का क्या कहना है : सबसे ज्यादा दिक्कत बीमार और गर्भवती महिलाओं , हादसे के समय मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाने में आती है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसे हालात रहे तो डिजीटल इंडिया का सपना कैसे पूरा होगा। नेटवर्क की भारी समस्या है किसी का कॉल आने पर घर की छत या ऊंची स्थान पर चढ़ना पड़ता है. नेटवर्क नहीं होने के कारण बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सके. सरकार से हमारी मांग है कि नेटवर्क की भी व्यवस्था की जाए.” – ग्रामीण

Author: CG FIRST NEWS
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