मितानिन और प्रशिक्षक हतोत्साहित हो रहे,सौंपा ज्ञापन

नारायणपुर,कोरोना काल हो या फिर किसी मसले पर प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्र में जरूरत हो चाहे दिन हो या रात हो कभी भी अपने कार्य से मुकरती नहीं। कोरोना काल में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ मितानिनों की भी रही है। लेकिन सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में मितानिनों को 5000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने का वादा किया था,उसे अब तक पूरा नहीं किया गया है।

जिले की मितानिनो एवं मितानिन प्रशिक्षकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान मितानिन और प्रशिक्षक अपनी जान को जोखिम में डालकर काम कर रही थी लेकिन अब प्रोत्साहन राशि के भुगतान नहीं होने से मितानिन और प्रशिक्षक हतोत्साहित हो रहे हैं। कोविड -19 के समय शासन द्वारा हम मितानिनों को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदाय करने आदेश जारी कर कही थी,परंतु इस और कोई पहल नहीं हो रहा। आज सोमवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नाम नायब तहसीलदार सुश्री ख्याति नेताम को ज्ञापन दिया गया।

ज्ञापन में उल्लेख था कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मितानिन प्रशिक्षकों को कोरोना संक्रमण के दौरान जन जागरूकता कामों में सहयोग करने एवं माह अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 तक के मितानिनों को ₹1000 और मितानिन प्रशिक्षको को ₹500 प्रतिमाह देने का आदेश जारी किया गया। परंतु कई माह बीतने के बाद भी जिले के दोनों विकासखंड में पदस्थ मितानिनो को अब तक राशि प्रदाय नही किया गया है। जिसको लेकर जिले के सैकड़ों मितानिन रैली की शक्ल में नारायणपुर पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर जल्द ही प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की मांग की गई।

प्रोत्साहन राशि के लिए मितानिनों ने निकाली रैली

नारायणपुर एवं ओरछा विकास खंड के समस्त मितानिन एवं मितानिन प्रशिक्षकों ने एक रैली निकाल कर प्रर्दशन किया। इस दौरान वे कोविड19 में किये गये ड्यूटी का प्रोत्साहन राशि की मांग नारेबाजी लगाकर कर रहे थे। रैली के दौरान पुलिस बल ने कुछ दूरी आगे मैं रैली को रोककर ज्ञापन नयाब तहसीलदार को सौंपने कहा गया। और वापस सभी मितानी चले गए।

मितानिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है क्योंकि ये गांव-गांव के पारा टोला में रहकर लोगों को मलेरिया, दस्त, निमोनिया, बीमार नवजात, टीवी, कुष्ठ, पीलिया, कुपोषण, कृमि, गर्भवती, शिशुवती, ऊपरी आहार के घर परिवार भ्रमण, गर्भवती पंजीयन, प्रसव पूर्व चार जांच, संस्थागत प्रसव, महिलाओं की खास समस्याएं, गर्भावस्था में देखभाल, प्रसव के बाद माता के देखभाल करती है। साथ ही सुरक्षित गर्भपात, महिला हिंसा रोकने, पोषण व खाद्य सुरक्षा,बच्चों का विकास, महिलाओं के अधिकार, स्तन कैंसर के लक्षण की जानकारी,पारा बैठक कर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना सहित अन्य कार्यों को करती है।

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Author: CG FIRST NEWS

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