दिल्ली :- दूसरी पार्टी के सांसदों और निर्दलीयों को अपने पाले में करने की रणनीति बना रही भाजपा को ही बड़ा झटका देने की तैयारी की जा रही हैं और यह झटका कोई और नहीं बल्कि भाजपा की धुर विरोधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देगी। मीडिया रिपोर्ट्स के दावे की मानें तो पश्चिम बंगाल में भाजपा के फिलहाल 12 सांसद हैं। वही इनमें से ज्यादातर सांसद सत्ताधारी दल टीएमसी के सम्पर्क में हैं।
अगर ये सांसद टीएमसी के पाले में जाते हैं तो केंद्र में भाजपा की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। फिलहाल भाजपा को सरकार बनाने के बाद बैकअप के लिए अभी और सांसदों की तलाश हैं। ऐसे में ममता दीदी का खेला मोदी-शाह के लिए नई मुसीबत बन सकता है।
फिलहाल ममता बनर्जी की पार्टी स्वतंत्र हैं। यानी वह न ही इंडिया गठबंधन में शामिल हैं और न ही एनडीए में। राजनीतिक पंडित मानते हैं कि अगर उन्हें किसी अलायंस में शामिल होना भी पड़ा तो वह इंडिया के साथ जाना पसंद करेगी। इण्डिया ब्लॉक को सरकार बनाने के लिए ममता के सांसदो की जरूरत भी होगी।
गौरतलब हैं कि 42 सीटों वाले पश्चिम बंगाल में फ़िलहाल इस बार टीएमसी के 29 सांसद जीतकर आएं हैं। बात बीजेपी की करें तो इस बार यहाँ भगवा दल ने शानदार प्रदर्शन किया हैं। उन्होंने 42 में 12 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की हैं जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए के सरकार गठन से पहले सूबे में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अजित पवार गुट के एक दर्जन से ज्यादा विधायक शरद पवार के संपर्क में बताए जा रहे हैं. इसके चलते ‘महायुति’ गठबंधन पर संकट के बादल छा गए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शरद पवार के पोते और कर्जत-जामखेड के विधायक रोहित पवार ने बुधवार को कहा कि अजित पवार खेमे के करीब 12 से 19 विधायक शरद पवार के गुट में वापस आने के इच्छुक हैं, लेकिन जो लोग मुश्किल वक्त में शरद पवार के साथ रहे, पार्टी में उनकी प्राथमिकता बनी रहेगी.
शरद पवार लेंगे फैसला
एनसीपी (शरद पवार) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल का भी बयान सामने आया है। उन्होंने मीडिया को बताया कि ऐसे विधायकों को वापस लेने का फैसला शरद पवार पर निर्भर है। पाटिल ने कहा, ‘मंगलवार को लोकसभा के नतीजे आए और कुछ लोग अपने फैसलों पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, हमने अभी इस पर (विधायकों की वापसी पर) विचार नहीं किया है। पार्टी शरद पवार से सलाह लेने के बाद फैसला करेगी।
लोकसभा चुनाव में अजीत पवार की पार्टी को 1 सीट
बता दें कि अजीत पवार की एनसीपी को हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में केवल एक सीट मिली है। एनसीपी (अजित गुट) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘नेताओं ने इस उम्मीद के साथ अजीत पवार का समर्थन किया था कि महायुति सरकार में शामिल होने के बाद पार्टी आगे बढ़ेगी…’
बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में शामिल अजित पवार की एनसीपी अपने गृह क्षेत्र बारामती लोकसभा क्षेत्र में भी जीत दर्ज करने में विफल रही। इस सीट से उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार ने उनकी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
दो हिस्सों में बंट गई थी एनसीपी
इससे पहले अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट महाराष्ट्र की महायुति गठबंधन सरकार में शामिल हो गया था, जिसमें बीजेपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट शामिल है। गठबंधन में शामिल होने और उपमुख्यमंत्री बनने के अजित पवार के कदम से एनसीपी में फूट पड़ गई थी और पार्टी दो हिस्सों में बंट गई थी।
आपको ये भी बता दें कि भाजपा को लोकसभा में कम सीटें मिलने के बाद उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफा देने की भी पेशकश की है। केंद्रीय नेतृत्व ने अभी तक उनके इस निर्णय पर कोई फैसला नहीं किया है।

Author: CG FIRST NEWS
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