कांकेर : जिला मुख्यालय से महज 20 किमी दूर ग्राम पंचायत ड़ोढकावाही के पत्थरीपारा में स्थित आंगनबाड़ी भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। नया भवन मंजूर नही होने के कारण बच्चें खंडहर आंगनबाड़ी केंद्र भवन में पढ़ने के लिए मजबूर है। करीब 25 साल पहले बना ग्राम का आंगनबाड़ी भवन जर्जर हो गया है। जिससे केंद्र में दर्ज बच्चों को बैठने एवं अन्य विभागीय गतिविधियों के दौरान कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। ग्रामीणों को भय बना रहता है कि जर्जर भवन के कारण बच्चों के साथ कभी कोई अनहोनी न हो जाए। भवन को सुधारने ग्रामीण कई बार मांग भी कर चुके है लेकिन कार्य न होने से ग्रामीणों में निराशा है। आंगनबाड़ी भवन की हालत ठीक नहीं होने के कारण हर साल बच्चों की संख्या कम होती जा रही है। कई ग्रामीण तो भवन की हालत खराब होने के कारण अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र नहीं भेजते। राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षा के बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के दावे करती है लेकिन जिले में आज भी कई आंगनवाड़ी है जहां बच्चों को बैठने के लिए अच्छा भवन तक नही है। इन्ही में एक ग्राम पंचायत ड़ोढकावाही के पत्थरीपारा का आंगनबाड़ी केंद्र है। करीब 25 वर्ष पहले इस आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कराया गया था लेकिन वर्तमान में आंगनबाड़ी जर्जर स्थिति में है। भवन की छत क्षतिग्रस्त हो गई वही दीवारों में दरारें आ गई ।
टीकाकरण, पोषण आहार वितरण में परेशानी
आंगनवाडी सहायिकाओं को गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण, पोषण आहार बांटते समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। केंद्र पर न तो महिलाओं के लिए पीने की पानी की कोई व्यवस्था है और न ही महिलाओं को सुरक्षित बैठने की जगह है। ऐसी स्थिति में कई बार महिलाओं की तबीयत भी बिगड़ जाती है।
-
अभी मेरे जानकारी में यहां मामला नहीं है, इसके बारे में मैं जानकारी लेती हूं अगर जर्जर स्थिति में भवन है तो वहां से दूसरे भवन में शिफ्ट कराया जाएगा. – ममता सुखदेवे ,महिला बाल विकास विभाग अधिकारी , चारामा
Author: CG FIRST NEWS
CG FIRST NEWS