लखनपुरी :- टंहकापार क्षेत्र के ग्रामो में नवाखाई पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पारंपरिक रूप से नए धान की बाली और नए धान के चावल से बने भोग अपने इष्ट देवी देवताओं को अर्पण किया, फिर भोजन बनाकर पूरे परिवार के साथ कोरिया पत्तल में ग्रहण कर एक-दूसरे को शुभकामना दी।
आदिवासी समाज के किरण सिंह मांडवी, रामलिक मांडवी, प्रहलाद मांडवी ने बताया कि नवाखाई पर्व प्राचीन काल से मनाया जाता है, क्योंकि आदिवासी समाज प्रकृति के पूजक हैं इसलिए जब भी नई फसल आती है, उसे खाने के पूर्व अपने देवी-देवताओं को अर्पण करते हैं। इसके बाद ही खाना चालू करते हैं। यह प्राचीन परंपरा रही है। इष्ट देवी देवताओं और गांव के शीतला, ठाकुरदई, बुढ़ादेव को नया अन्न अर्पण करते हैं।
यह पर्व आदिवासी समाज के लिए बड़े महत्व रखता है, इसलिए दूर-दूर से सगोत्र भाई और खानदान के लोग घर पहुंचकर नवाखाई पर्व में सम्मिलित होते हैं। नवाखाई के दूसरे दिन अंचल में ठाकुर जोहरनी का भी परंपरा रही है। इसलिए दूसरे दिन गांव के ठाकुर ग्राम गायता के घर गांव के सभी लोग जाकर भेंट करते हैं और खेती-किसानी, अन्य कामकाज और सुख-दुख की चर्चा कर आपस में खुशियां बांटते हैं और इसी दिन से हुल्की नृत्य की शुरुआत भी करते हैं।
Author: CG FIRST NEWS
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