रमेश टंडन / आमाबेड़ा : आमाबेड़ा इलाके में एक गंभीर दुर्घटना होते-होते बची, जब एक शव वाहन स्टेरिंग फेल होने के कारण पलट गया। यह हादसा मेढकी नदी ( तिर्की नाला ) से लगभग 50 मीटर की दूरी पर हुआ। यह शव वाहन नारायणपुर और बीजापुर के थुलथली जंगल में हाल ही में हुए नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में मारे गए एक नक्सली के शव को उसके परिजनों के पास छोड़ने के बाद बेड़मा मार्ग की ओर वापस लौट रहा था। दुर्घटना के समय वाहन खाली था और केवल ड्राइवर ही मौजूद था।
हादसे की पूरी जानकारी:
घटना के प्रत्यक्षदर्शी दिलीप कुमार समरथ ने बताया कि जैसे ही वाहन का स्टेरिंग फेल हुआ, ड्राइवर ने वाहन पर नियंत्रण खो दिया। गाड़ी पहले अनियंत्रित होकर रोड के किनारे तेजी से मुड़ी और फिर पलट गई। हालाँकि, यह एक बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन शुक्र है कि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। दिलीप कुमार समरथ और अन्य स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और बिना किसी देरी के चालक को सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहे। चालक को मामूली चोटें आईं लेकिन वह सुरक्षित है और उसकी जान बच गई।
शव वाहन की स्थिति:
यह वाहन विगत कुछ दिनों से मुठभेड़ में मारे गए नक्सली के शव को ढिमरापाल से कोयलिबेड़ा ले जाने के लिए उपयोग में लाया जा रहा था। वाहन ने शव को परिजनों तक सफलतापूर्वक पहुंचा दिया था और लौटते समय यह हादसा हुआ। हादसे का मुख्य कारण वाहन के तानराड और एंडराड (सस्पेंशन) का अचानक टूट जाना बताया जा रहा है, जिसके कारण स्टेरिंग फेल हो गया और ड्राइवर का नियंत्रण वाहन पर नहीं रहा।
घटनास्थल और दुर्घटना के कारण:
हादसा आमाबेड़ा के पास हुआ, जो मेढकी नदी के नजदीक स्थित है। यह क्षेत्र आमतौर पर घने जंगलों और खराब सड़कों के लिए जाना जाता है। वाहन पलटने की वजह से सड़क पर थोड़ी देर के लिए ट्रैफिक बाधित हुआ, लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से वाहन को हटाया गया और यातायात को जल्द ही बहाल कर दिया गया।
दुर्घटना के दौरान कोई अन्य वाहन या व्यक्ति सड़क पर मौजूद नहीं था, जिससे कोई और नुकसान नहीं हुआ। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि दुर्घटना स्थल से नदी की दूरी बहुत कम थी, अगर वाहन नदी के नजदीक जाता, तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: हादसे के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन को सूचित कर दिया गया। प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और ड्राइवर की स्वास्थ्य स्थिति की जांच की। अधिकारियों ने कहा कि सड़क की खराब स्थिति और वाहन की तकनीकी समस्या इस दुर्घटना के प्रमुख कारण हो सकते हैं।
स्थानीय लोग और उनकी मदद: प्रत्यक्षदर्शी और स्थानीय लोग हादसे के समय बड़ी तेजी से मदद के लिए आगे आए। दिलीप कुमार समरथ और अन्य लोगों ने तत्काल ड्राइवर को बाहर निकाला, जिससे उसकी जान बचाई जा सकी। स्थानीय लोगों की त्वरित प्रतिक्रिया और साहस ने इस हादसे को बड़ा नुकसान होने से रोक दिया।
निष्कर्ष: आमाबेड़ा के इस हादसे में बड़ा नुकसान टल गया और केवल वाहन को नुकसान पहुँचा। चालक की सतर्कता और स्थानीय लोगों की मदद से इस दुर्घटना में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। प्रशासन ने सड़क की हालत और वाहनों की तकनीकी जांच पर जोर देने की बात कही है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
Author: CG FIRST NEWS
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