Kanker Naxal Encounter : छत्तीसगढ़ के कांकेर और नारायणपुर जिलों की सीमा पर स्थित घने और दुर्गम अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच तीन दिनों तक चले एक बड़े ऑपरेशन में पांच कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया गया। इस मुठभेड़ को नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे सुरक्षा बलों के अभियान में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
ऑपरेशन का पूरा विवरण : कांकेर और नारायणपुर जिलों की सीमा पर चलाए गए इस ऑपरेशन में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स), और बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) की संयुक्त टीम शामिल थी। तीन दिन तक जवान जंगल में डटे रहे और आखिरकार 16 नवंबर को मुठभेड़ में पांच नक्सलियों को मार गिराया।
मारे गए नक्सलियों की पहचान : सुरक्षा बलों ने मारे गए सभी पांच नक्सलियों की पहचान कर ली है। इनमें डीवीसीएम (डिवीजनल कमांडर) वनोचा कराम और कंपनी नंबर 10 के चार अन्य नक्सली शामिल हैं। ये सभी लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बने हुए थे और प्रत्येक पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। मारे गए नक्सलियों में दो महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं।
बरामद हुए हथियार और अन्य सामग्री : मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। बरामद हथियारों की सूची इस प्रकार है:
– INSAS राइफल: 1
– SLR राइफल: 1
– 12 बोर राइफल: 3
– BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर): 1
इसके अलावा, नक्सलियों के शिविर से उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य उपकरण और सामग्रियां भी जब्त की गई हैं।
डिप्टी सीएम का बयान: 2026 तक नक्सलियों का सफाया
इस मुठभेड़ के बाद छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “हमारे जवानों ने पिछले सालभर में 200 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है। गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश के अनुसार, मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा। प्रदेश में शांति और विकास के लिए यह हमारी सरकार की प्राथमिकता है।”*
नक्सल विरोधी अभियान को मिली नई ताकत
यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा चलाई जा रही व्यापक रणनीति का हिस्सा है। पिछले एक साल में कई नक्सली ठिकानों पर हमला कर उन्हें समाप्त किया गया है। कांकेर और नारायणपुर की यह कार्रवाई सुरक्षा बलों के बढ़ते मनोबल और नक्सल विरोधी अभियान की सफलता का प्रमाण है।
नक्सलियों पर लगातार हो रही कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, मारे गए नक्सलियों का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय था, जो सुरक्षा बलों और स्थानीय विकास कार्यों के लिए बड़ा खतरा था। इस मुठभेड़ से नक्सलियों की कंपनी नंबर 10 को बड़ा झटका लगा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सर्च अभियान अभी भी जारी है और क्षेत्र की तलाशी पूरी होने तक यह अभियान जारी रहेगा।
नक्सल विरोधी अभियान: क्षेत्र में शांति की उम्मीद
यह मुठभेड़ न केवल सुरक्षा बलों की सतर्कता और साहस का परिचायक है, बल्कि यह स्थानीय नागरिकों में सुरक्षा और शांति की भावना को भी मजबूत करती है। माओवाद प्रभावित क्षेत्र में ऐसी कार्रवाई से नक्सलियों के खिलाफ जनता का विश्वास और भी बढ़ेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बलों के लिए यह सफलता नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक अहम कदम है। अब उम्मीद की जा रही है कि इस तरह की कार्रवाइयों से प्रदेश में अमन और विकास के रास्ते और खुलेंगे।
Author: CG FIRST NEWS
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