महाराष्ट्र सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है.
दो दिन पहले महाराष्ट्र के पिंपलगांव मंडी में काम करने वाले व्यापारियों के यहां आयकर विभाग ने छापेमारी के बाद प्याज की कीमतों (Onion Price) में कमी आने लगी है. मुंबई में प्याज की कीमतों में 15 रुपये प्रति किलो तक की गिरावट देखी गई है. दो दिन पहले 45 रुपये किलो में बिकने वाला प्याज आज 30 रुपये किलो के भाव हो गया है. मुंबई में आज प्याज की आवक 100 क्विंटल तक पहुंच गई है. ऐसे में अब लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इसके दाम में और कमी आ सकती है.
पिंपलगांव बसवंत कृषि उपज मंडी समिति में आयकर विभाग की ओर से 6 प्याज व्यापारियों के 13 ठिकानों पर छापेमारी (Income Tax Raid) की गई थी. अधिकारियों व कर्मचारियों ने व्यापारियों के कार्यालयों व बैंक खातों को चेक किया था. जिसके बाद आयकर विभाग ने नकदी भी जब्त की है. उनकी बिक्री और बिल बुक आदि को खंगाला गया था. बताया जा रहा है कि इस कदम से बाजार नियंत्रण में आ गया है.
महंगाई पर नियंत्रण के लिए कार्रवाई?
भारी बारिश के कारण खेत में लगाए गए प्याज के पौधे खराब हो गए हैं. उधर, बदले मौसम का असर गर्मियों में स्टोर करके करके रखे गए प्याज पर भी पड़ रहा है. जिससे प्याज को काफी नुकसान हुआ है. इससे घरेलू मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है. नतीजतन दीवाली के खुदरा बाजार में प्याज का भाव आसमान छू रहा है. लेकिन अब आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद प्याज का बाजार पहले के मुकाबले नियंत्रण में आ गया है. ऐसा लगता है कि प्याज के व्यापारी स्टॉक जमाकर के कीमतें बढ़ा रहे थे .
क्या कहते हैं प्याज उत्पादक?
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले ने बताया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई का पूरा अधिकार है. ऐसे व्यापारियों के ऊपर एक्शन होना ही चाहिए जो जमाखोरी करके दाम में वृद्धि कर रहे हैं. दिघोले का कहना है कि प्याज उत्पादक किसान अब बिक्री के लिए व्यापारियों के भरोसे नहीं बैठेंगे. वे डायरेक्ट सेलिंग की योजना बना रहे हैं ताकि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा हो. व्यापारियों की वजह से इन दोनों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है.
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Author: CG FIRST NEWS
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