Afghanistan Crisis: भारत आने पर बोलीं अफगान सांसद- स्थिति अकल्पनीय, काबुल एयरपोर्ट पर हर दिन फायरिंग में मर रहे 3-4 लोग

अफगानिस्तान की सांसद अनारकली कौर होनरयार (फोटो- ANI)

अफगानिस्तान से निकालकर लाए गए 146 भारतीय नागरिक कतर की राजधानी से 4 अलग-अलग विमानों के जरिए सोमवार को भारत पहुंचे. इससे पहले रविवार को भारत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को देश वापस लाया था.

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आम नागरिक के साथ-साथ वहां के कई राजनेताओं ने भी भारत में शरण ली है. दिल्ली पहुंचने वालीं अफगानिस्तान की एक सांसद अनारकली कौर होनरयार भी उनमें से एक हैं. उन्होंने भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्रालय और भारतीय वायुसेना का धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति अकल्पनीय है. अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान के तहत भारत सिख और हिंदू समुदाय के अफगान समेत करीब 730 लोगों को यहां ला चुका है.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में अनारकली कौर ने बताया, “अफगानिस्तान की स्थिति कल्पना से बाहर की है. कोई सरकार नहीं है. राष्ट्रपति पिछले 10 दिनों से वहां नहीं हैं. हमें शांति प्रक्रिया से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन कुछ नहीं हुआ. अफगानिस्तान में कई लोगों के पास ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं. हमें इतनी गरमी में वहां आधी रात 12 बजे से सुबह 10 बजे तक इंतजार करना पड़ा.”

उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट (काबुल) पर हर दिन फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं और रोज 3-4 लोग इसमें मर रहे हैं. उन्होंने बताया, “20 साल पहले, तालिबान सोचता था कि सिखों और हिंदुओं को मुस्लिमों की तरह कोई भी अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए. जब अभी तालिबान के प्रवक्ता ने पहली बार मीडिया को संबोधित किया तो सिखों और हिंदुओं के बारे में बात नहीं की. यह निश्चित नहीं है कि भविष्य में उन्हें कोई अधिकार मिलेगा.”

इससे पहले रविवार को अफगानिस्तान के सांसद नरेंद्र सिंह खालसा भारत पहुंचने के बाद वहां के हालात को बताते हुए भावुक हो गए थे. उन्होंने रिपोर्ट्स से कहा था, “मुझे तो रोना आता है… क्या करें, जो अफगानिस्तान में हमारे पीढ़ियों से रह रहे थे. 20 साल में जो सरकार बनी थी, अब सबकुछ खत्म हो चुका है. अब जीरो है.”

कई अफगान सांसद और नेता आ चुके हैं भारत

तालिबान के कब्जे के बाद पिछले 10 दिनों में कई अफगान नेता भारत आ चुके हैं. इनमें वर्दक के सांसद वाहिदुल्लाह कलीमजई, परवान से सांसद अब्दुल आजिज हकीमी, सांसद अब्दुल कादिर जजई, सीनेटर मालेम लाला गुल, पूर्व सांसद और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के चचेरे भाई जमील करजई, बागलान के सांसद शुक्रिया एसखैल, सीनेटर इंजीनियर मोहम्मद खान, पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल हादी अर्घांदीवाल, पूर्व उपराष्ट्रपति यूनुस कानूनी, सांसद मरियम सोलेमनखैल, अफगानिस्तान के अपर हाउसे के वरिष्ठ सलाहकार कायस मोवाफाक भी शामिल हैं.

अफगानिस्तान से निकालकर लाए गए 146 भारतीय नागरिक कतर की राजधानी से 4 अलग-अलग विमानों के जरिए सोमवार को भारत पहुंचे. इन नागरिकों को अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाया गया था.

भारत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस लाया था. इससे पहले, 16 अगस्त को 40 से अधिक लोगों को स्वदेश लाया गया था जिनमें से ज्यादातर भारतीय दूतावास के कर्मी थे. काबुल से दूसरे विमान से 150 लोगों को लाया गया, जिनमें भारतीय राजनयिक, अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी और कुछ अन्य भारतीय थे, जिन्हें 17 अगस्त को लाया गया था.

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Author: CG FIRST NEWS

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