महासमुंद :- छत्तीसगढ़ के मेसर्स करणी कृपा पावर प्लांट में 8 सितंबर 2024 को हुई भीषण दुर्घटना, जिसमें दो लोगों की जान चली गई थी, के बाद जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। हादसे के बाद कलेक्टर ने पावर प्लांट प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रबंधन द्वारा समय पर घटना की सूचना न देने के कारण यह नोटिस जारी किया गया है, और प्रशासन ने दुर्घटना स्थल को सील कर दिया है। प्लांट प्रबंधन से तीन दिनों के भीतर इस नोटिस का स्पष्टीकरण मांगा गया है।
दुर्घटना की जानकारी और प्रशासनिक हस्तक्षेप:
8 सितंबर को प्लांट में हुई दुर्घटना में तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनमें से दो—भारत वर्मा और खिलेश्वर साहू—की इलाज के दौरान क्रमशः 12 और 14 सितंबर को मौत हो गई। छत्तीसगढ़ कारखाना नियमावली, 1962 के नियम 108(2) के तहत, ऐसी किसी भी गंभीर दुर्घटना की सूचना तुरंत जिला प्रशासन और पुलिस को दी जानी चाहिए थी, लेकिन प्लांट प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया।
प्रशासन को इस दुर्घटना की जानकारी 22 सितंबर को सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से मिली, जिसके बाद कलेक्टर ने तुरंत हस्तक्षेप किया और प्लांट प्रबंधन को नोटिस जारी किया। इस घटना को लेकर प्रबंधन की जवाबदेही तय करने के लिए श्रम विभाग और औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा अधिकारियों ने दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया और सुरक्षा मानकों की समीक्षा के बाद उसे सील कर दिया।
कलेक्टर का नोटिस और चेतावनी:
कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्लांट प्रबंधन ने नियमों का उल्लंघन करते हुए समय पर सूचना नहीं दी, जो कि गंभीर लापरवाही का प्रमाण है। कलेक्टर ने प्लांट प्रबंधन से तीन दिनों के भीतर इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर इस अवधि में संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा चिंताएं:
दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों और श्रमिक संगठनों में रोष देखा जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह घटना प्रबंधन की लापरवाही और सुरक्षा नियमों की अनदेखी का परिणाम है। उन्होंने इस बात की भी मांग की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा उपाय अपनाए जाएं।
प्रशासन की सख्ती और आगे की कार्रवाई:
जिला प्रशासन द्वारा जारी नोटिस के बाद अब सबकी नजरें प्लांट प्रबंधन के जवाब पर हैं। यह घटना न केवल प्लांट में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है, बल्कि उद्योगों में लागू सुरक्षा मानकों और उनकी निगरानी पर भी प्रकाश डालती है। जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
यह कदम प्रशासन की सख्ती को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
Author: CG FIRST NEWS
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