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पलेवा में तीन साल से अधूरा सामुदायिक शौचालय, निर्माण में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप, ग्रामीणों में आक्रोश

मुकेश जैन/ कांकेर । विकासखंड चारामा अंतर्गत ग्राम पंचायत पलेवा में वर्ष 2021-22 में जिला खनिज संस्थान न्यास निधि (DMF) के अंतर्गत सामुदायिक शौचालय निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक यह निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। शौचालय की स्थिति इतनी खराब है कि वह अब खंडहर में तब्दील हो गया है। दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं, लोहे के दरवाजों में जंग लग गया है और छत की ढलाई तक अब तक नहीं की गई है।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही उजागर

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ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य की निगरानी में भारी लापरवाही बरती गई है। संबंधित अधिकारियों और इंजीनियरों द्वारा समय पर निरीक्षण नहीं किया गया, जिससे यह निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। तीन साल बाद भी जब शौचालय का काम पूरा नहीं हो पाया है, तो यह स्पष्ट संकेत देता है कि शासन की योजनाओं का जमीनी क्रियान्वयन बेहद कमजोर है।

सामान्य सभा की बैठक में दी गई भ्रामक जानकारी

13 जून 2024 को जनपद पंचायत चारामा में आयोजित सामान्य सभा की बैठक में इस शौचालय निर्माण को लेकर भ्रामक जानकारी प्रस्तुत की गई। बैठक में यह कहा गया कि शौचालय में पुताई का कार्य प्रगति पर है, जबकि वास्तविकता यह है कि शौचालय का ढांचा ही अधूरा है। न छत की ढलाई हुई है, न ही अंदरूनी निर्माण कार्य पूर्ण हुए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को गुमराह किया गया है।

जंगली जानवरों का अड्डा बन सकता है अधूरा शौचालय

पलेवा क्षेत्र जंगल से सटा हुआ है और यहां अक्सर जंगली जानवरों का आवागमन बना रहता है। ऐसे में अधूरा पड़ा यह सामुदायिक शौचालय अब जानवरों का अड्डा भी बन सकता है, जो ग्रामीणों के लिए और अधिक खतरा पैदा कर सकता है। ईंटें टूटकर इधर-उधर बिखर चुकी हैं, जिससे यह स्थान असुरक्षित हो गया है।

भ्रष्टाचार के आरोप, जिम्मेदारों पर हो सख्त कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। उनका कहना है कि इंजीनियर, ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों रुपये खर्च कर अधूरी और घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया है। एक ओर सरकार गांवों के विकास और पारदर्शी शासन की बात करती है, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्ट कार्यप्रणाली इन दावों को झुठला रही है।

शासन से न्याय की मांग

ग्रामीणों ने शासन से अपील की है कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और जल्द से जल्द इस सामुदायिक शौचालय का कार्य पूर्ण कराया जाए, ताकि ग्रामवासियों को मूलभूत सुविधाएं मिल सकें और जनहित की योजनाएं अपना उद्देश्य प्राप्त कर सकें।

ग्रामीणों में गहरा आक्रोश

ग्राम पंचायत पलेवा के ग्रामीणों में इस विषय को लेकर भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि जब 2021-22 में इस निर्माण कार्य को स्वीकृति दी गई थी, तो आज तक इसका पूर्ण नहीं होना बेहद चिंता का विषय है। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इस अधूरे कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कराया जाए ताकि ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा मिल सके।

ग्रामीणों में गहरा आक्रोश

ग्राम पंचायत पलेवा के ग्रामीणों में इस विषय को लेकर भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि जब 2021-22 में इस निर्माण कार्य को स्वीकृति दी गई थी, तो आज तक इसका पूर्ण नहीं होना बेहद चिंता का विषय है। सत्यनारायण कुंजाम , प्रेम सिंह कुंजाम, विजय कुंजाम, गोपाल सेन आदि ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इस अधूरे कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण कराया जाए ताकि ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा मिल सके।

“इस मामले की मुझे अब तक जानकारी नहीं है जानकारी प्राप्त कर उचित कार्यवाही की जाएगी : जिला पंचायत सीईओ हरेश मांडवी

इस मामले की मुझे अब तक जानकारी नहीं है जानकारी प्राप्त कर उचित कार्यवाही की जाएगी : जनपद पंचायत सीईओ गोपाल सिंह कवर

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