New Governors Appointment: राष्ट्रपति ने रविवार को 13 राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की घोषणा की. राष्ट्रपति की ओर से जारी लिस्ट के मुताबिक, गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) को असम के नए राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है. वहीं, झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है. इसके अलावा, राजेंद्र विश्वनाथ (Rajesndra Vishwanath) को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है. लक्ष्मण प्रसाद आचार्य (Laxam Prasad Arya) को सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया है. झारखंड के राज्यपाल के रूप में सीपी राधाकृष्ण (CP Radhakrishna) को नियुक्त किया गया है. वहीं, शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. जस्टिस (रिटायर्ड) एस अब्दुल नज़ीर को आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है.
सीएम बघेल ने नए राज्यपाल का किया स्वागत
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल विश्वा भूषण हरिचंदन का स्वागत किया है. सीएम भूपेश बघेल ने अपने ऑफिशल टि्वटर पर ट्वीट करते हुए लिखा ”महामहिम राष्ट्रपति जी ने श्री विश्व भूषण हरिचंदन जी को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल नियुक्त किया है। उन्हें ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं. मैं छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से हमारे नए संवैधानिक अभिभावक का स्वागत करता हूं.”
इन राज्यपालों के बदले गए राज्य
मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन को नागालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया. झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais)को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है. आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके को मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
जानें क्या है छत्तीसगढ़ में आरक्षण विवाद
आपको बता दें कि 2 दिसंबर को आरक्षण विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था. उसी दिन राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था. लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी राज्यपाल ने इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए. आरक्षण बिल को लेकर राज्यपाल ने सरकार से 10 सवाल किए थे. जिसके बाद सरकार का दावा है कि उन्होंने 10 सवाल के जवाब दे दिए हैं.
बावजूद इसके अब तक राज्यपाल ने इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया है. जिसे लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर आरक्षण के मामले को लेकर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगा रही है. साथ ही बीजेपी के दबाव में राज्यपाल पर काम करने का भी आरोप कांग्रेस लगा चुकी है. वहीं बीजेपी इसे राज्यपाल का विशेषाधिकार बता रही है.

Author: CG FIRST NEWS
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