ASP Divya Mittal Suspended: दो करोड़ रुपए रिश्वत मांगने वाली घूसखोर दिव्या मित्तल को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया. गुरुवार को पुलिस विभाग के संयुक्त शासन सचिव जगवीर सिंह ने आदेश जारी कर अजमेर में स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को निलंबन किया. निलंबन काल के दौरान दिव्या का मुख्यालय जयपुर पुलिस महानिदेशक कार्यालय रहेगा. फिलहाल दिव्या भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस अभिरक्षा में हैं.
एसीबी ने उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7, 7ए और भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था. सरकार ने राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के नियम 13(2) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिव्या मित्तला को निलंबित किया.
दवा कंपनी मालिक से मांगी थी रिश्वत
मामले के अनुसार परिवादी की दवा बनाने की कंपनी है. एएसपी दिव्या परिवादी की हरिद्वार स्थित दवा कंपनी में पहुंची. वहां जाकर परिवादी से कहा कि उसके खिलाफ अजमेर में साइकोट्रॉपिक दवा के तीन केस दर्ज हुए हैं. पकड़ी गई दवाइयों में उनकी फैक्ट्री की दवाएं भी शामिल हैं. यह सुनकर परिवादी घबरा गया था. इसके बाद दिव्या ने एनडीपीएस एक्ट के मामले में डरा-धमकाकर केस से नाम हटाने के लिए अपने दलाल के मार्फत दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी. इसकी शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने जाल बिछाकर एएसपी और उनके दलाल को गिरफ्तार किया. एसीबी ने अजमेर एसओजी कार्यालय, अजमेर के फ्लैट, उदयपुर में रिसोर्ट, जयपुर में फ्लैट, चिड़ावा के घर में जांच कर दस्तावेज खंगाले. इन जगहों से एसीबी टीम को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले.
कोरोना काल में की थी यह कार्रवाई
एएसपी दिव्या मित्तल ने कोरोना महामारी के दौरान बीकानेर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई की थी. उस केस में अनुज अग्रवाल, प्रदीप, विनय को गिरफ्तार किया गया था. उन तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश और आवश्यक वस्तु अधिनियम का दोषी मानते हुए जयपुर कोर्ट में चालान पेश किया था.
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Author: CG FIRST NEWS
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