“CG Naxal Encounter 2025 में बस्तर क्षेत्र के जंगलों में तैनात सुरक्षाबल और सैन्य वाहन”बस्तर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित घने जंगलों में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच जारी मुठभेड़ में अब तक 5 नक्सली मारे जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि करीब 150 से अधिक नक्सली सुरक्षाबलों की घेरेबंदी में फंसे हुए हैं। इस ऑपरेशन को बस्तर क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा एंटी-नक्सल अभियान माना जा रहा है।
टॉप कमांडर घेरे में, ऑपरेशन निर्णायक मोड़ पर
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों के घेरे में माओवादी संगठन के बड़े कमांडर — हिड़मा, देवा और दामोदर — भी शामिल हैं। ये तीनों माओवादी शीर्ष नेतृत्व में माने जाते हैं और इन पर कई बड़े हमलों की साजिश रचने का आरोप है।
तीन राज्यों की सीमा पर तैनात हैं 5000 से अधिक जवान
इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा पर करीब 5000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। तेलंगाना के चेरला क्षेत्र को इस पूरे अभियान के लिए लॉजिस्टिक बेस बनाया गया है, जहां से अभियान का संचालन किया जा रहा है।
मजबूत रणनीति, राशन और गोला-बारूद की सप्लाई सुनिश्चित
सुरक्षाबलों ने इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए राशन, हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति के विशेष रूट पहले से तय कर लिए हैं। जवानों को दुर्गम पहाड़ी इलाकों तक पहुंचने के लिए लगातार मशक्कत करनी पड़ रही है, जहां नक्सलियों के छिपे होने की आशंका है।
इलाके में कड़ी सुरक्षा, ऑपरेशन अब भी जारी
पूरे इलाके को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है। ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी और ग्राउंड इंटेलिजेंस के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। इस मुठभेड़ को लेकर राज्य और केंद्र सरकार दोनों अलर्ट हैं।
संभावित बड़ी कामयाबी की ओर बढ़ता अभियान
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह ऑपरेशन सफल होता है, तो यह भारत की नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। टॉप लेवल लीडरशिप को निशाना बनाने वाला यह अभियान माओवादी नेटवर्क को बड़ा झटका दे सकता है।
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