Corruption News : कानापोड से किशनपुरी मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे बने जानलेवा, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई गई मार्ग राहगीरों के लिए बनी मुसीबत

कांकेर: जिले के कानापोड से किशनपुरी मार्ग, जिसे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ₹10.55 करोड़ (1055.55 लाख रुपये) की लागत से बनाया गया था, आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस 19.20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण ग्रामीणों की सुविधा और सुगम आवागमन के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन निर्माण के कुछ ही समय बाद यह सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई। इस मार्ग पर जगह-जगह बने गहरे गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिससे आम नागरिकों की जान को खतरा बना हुआ है।

महज कागजों में हुआ विकास, हकीकत में हादसों का अड्डा बना मार्ग
इस सड़क का निर्माण कार्य 13 फरवरी 2021 को शुरू किया गया था और इसकी संभावित पूर्णता तिथि 12 दिसंबर 2023 निर्धारित की गई थी। निर्माण के बाद भी पांच वर्षों तक इस सड़क का रखरखाव (संवर्धन अवधि) ठेकेदार की जिम्मेदारी थी, लेकिन इसकी हालत देखकर साफ जाहिर होता है कि ठेकेदार और संबंधित विभाग ने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया।

राहगीरों का कहना है कि यह सड़क अब जानलेवा बन चुकी है। खैरखेड़ा निवासी चाहमानी मंडावी ने बताया कि सड़क के बीचों-बीच और किनारों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं , जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। **दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह सड़क और भी खतरनाक साबित हो रही है, क्योंकि असंतुलन के कारण कई लोग गिरकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं।

                                                                            मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे बने जानलेवा

 

निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर उठे सवाल, भ्रष्टाचार का संदेह
स्थानीय ग्रामीणों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यदि निर्माण कार्य उच्च गुणवत्ता का होता, तो यह सड़क इतनी जल्दी खराब नहीं होती। इससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है, या फिर अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार हुआ है।

इस परियोजना का क्रियान्वयन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत किया गया था। इसके कार्य पालन अभियंता मनोज कुमार रात्रे (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, छ.ग. ग्रा.स.वि.अभि., कांकेर) हैं, जबकि निर्माण कार्य का ठेका मेसर्स रायपुर कंस्ट्रक्शन, रायपुर को दिया गया था। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण एजेंसी और संबंधित अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया, जिसके कारण यह सड़क इतनी जल्दी जर्जर हो गई।]

                           सूचना बोर्ड

 

प्रशासन की लापरवाही से जनता परेशान, बार-बार की जा रही शिकायतें अनसुनी
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार संबंधित विभाग से इस समस्या की शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासनिक अधिकारी और ठेकेदार इस गंभीर समस्या पर मौन हैं और कागजों में ही विकास की गाथा लिखी जा रही है। जनता अब यह देखने के लिए मजबूर है कि क्या इस समाचार के प्रकाशित होने के बाद प्रशासन जागेगा या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?

ग्रामीणों की मांग – जल्द हो सुधार कार्य
क्षेत्र के निवासी दिलीप जैन, मनोज नेताम, राजेश भास्कर, राहगीर देवेंद्र पोया और चाहमानी मंडावी सहित कई ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मार्ग की तत्काल मरम्मत की जाए । उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि सड़क पर मौजूद गड्ढों को जल्द से जल्द भरा जाए और इसे पुनः आवागमन के योग्य बनाया जाए, ताकि भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन इस गंभीर समस्या पर संज्ञान लेता है या फिर भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण यह सड़क यूं ही बदहाल बनी रहेगी?

CG FIRST NEWS
Author: CG FIRST NEWS

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