रिपोर्ट : फिलिप चाको
बालोद :- बालोद नगर पालिका जहाँ एक ओर शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने का दम भर रहा है और उसके चलते लाखो का बजट शहर के सौंदर्य करण के नाम पर अलग किया गया है, वही दूसरी ओर पालिका की सारी तैयारी का मजाक उड़ाता एक होर्डिंग जो की नगर पालिका के मुख्य द्वार पर हवा मे लटकता आने जाने वालो से चीख चीख कर कह रहा है मेरी भी कोई सुधि ले लो वरना किसी दिन हवा का साथ मिलने पर मैं भी अपना विकराल रूप ले सकता हूँ और इस व्यस्त मार्ग से गुजरने वाले किसी को अकाल काल के मुँह मे पहुंचाने का कार्य कर सकता हूँ,

आप की जानकारी के लिए बता दे की बिना नगर पालिका के अनुमति के इस तरह के होर्डिंस को शहर मे नहीं लगाया जा सकता और खास कर उन जगह पर जहाँ पर नागरिकों का ठहराव ज्यादा हों और विधुत की तारों का बिछाव बोर्ड के चारो तरफ हों, लेकिन ये बोर्ड सारे नियमों को ताक मे रखते हुए लगा दिए गए है जो पिछले दिनों की आंधी हवा मे अपनी गुणवक्ता का परिचय देते हुए हवा मे लटके हुए है जो की नगर पालिका और पुलिस अनुविभागीय अधिकारी, और महिला बाल विकास विभाग, जिला मुख्य चिकत्सा अधिकारी का कर्यालय होने के साथ साथ सब्जी विक्रेताओ का भी केंद्र है जहाँ हर समय शहर वासियों एवं ग्रामीणों का आना जाना लगा रहता है, ये लटकता हुआ बोर्ड नगरपालिका की शहर के प्रति लगाव और दूर दृष्टि जाहिर करता है की शहर का विकास किस ओर जा रहा है

पुरे पालिका का अब तक विकास बिंदु केंद्र केवल बालोद बस स्टैंड और चौपाटियो तक सिमट कर रह गया है चाहे वो पूर्व की पालिका की टीम हों या वर्तमान की लगता है बालोद शहर सिर्फ एक वृत्त मे सिमट कर रह गया है जिसके चलते ना तो पालिका के कर्मचारीयों को और ना तो जनप्रतिनिधियों को ये हवा मे लटकता हुआ बोर्ड नजर आ रहा है या फिर किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है, खैर शहर वासी तो सिर्फ सौंदर्य करण के मजे ले शहर विकास का जहाँ म्यूजिकल फाउंटेन, और रंगीन लाइट्स हों भले ही मोहल्लेवालो के घरो मे बारिश का पानी भर जाये या घरो मे सांप बिच्छू आ जाये, बाहर से आने वाले ग्रामीणों को चाहे खुले मुत्रालयों का उपयोग करना पड़े या किसी की दीवालो का आड़ लेना पड़े, शहर का विकास ऐसा जहाँ महिलाओ और बहनो को यदि लघुशंका की स्तिथि बन जाये तो फिर किसी अपने के घरो का सहारा लेना पड़जाए, किन्तु ये सब पालिका के नजर मे विकास मे नहीं आते शहर के अंदर अब भी कई एसे मोहल्ले है जहाँ जरूरत पड़ने पर ना तो एम्बुलेंस पहुँच पाती है और नाही फायर ब्रिगेड की गाड़िया, बालोद शहर की जनता को फिर भी मिलता है विकास के नाम पर सिर्फ झुन झुना नाम नगर सौंदर्य करण!
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