सुकमा :- छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में उल्टी और दस्त जैसी गंभीर बीमारियों ने जनजातीय समुदाय के ग्रामीणों पर कहर ढा दिया है। पिछले दो हफ्तों में कोंटा विकासखंड के इतकल और उसकेवाया के बाद, छिंदगढ़ विकासखंड के चितलनार गांव में सात लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों के पीछे बाढ़ के बाद फैली डायरिया की बीमारी को मुख्य कारण माना जा रहा है। गांव के निवासी डर और दहशत में जी रहे हैं, जबकि कई लोग अभी भी अस्पतालों में उपचाराधीन हैं।
लगातार मौतों से गांव में डर का माहौल
चितलनार गांव में हर 12 घंटे में एक व्यक्ति की मौत हो रही है, जिससे गांव में भय और अनिश्चितता का माहौल है। मृतकों में दूधी मासा, जिरमिट्टी पति लछिन्दर, सुकलु, दशमी पति सुरेंद्र, सुकड़ी पति सुकलु, सुकड़ी पति बिट्ठल, और सेतुराम शामिल हैं। गांव के निवासी घेनवाराम ने बताया कि सेतुराम की हालत अचानक रात में बिगड़ गई, और सुबह उनकी मृत्यु हो गई।
बाढ़ के बाद फैली डायरिया से हालात बदतर
सरपंच के पति हिड़मा के अनुसार, हाल ही में आई बाढ़ के बाद से गांव में डायरिया तेजी से फैल रहा है। दूषित पानी और गंदगी के कारण यह बीमारी ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है, और कई अन्य ग्रामीण भी बीमारी की चपेट में हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने गांव में त्वरित मेडिकल टीम भेजी है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि अब तक कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। अधिकारियों ने बीमारी के स्रोत का पता लगाने के लिए गांव के पानी और अन्य संसाधनों की जांच शुरू कर दी है।

Author: CG FIRST NEWS
CG FIRST NEWS